शिक्षा और सामाजिक न्याय के दीपस्तंभों को जदयू ने किया नमन

खगड़िया - ज्ञान और संघर्ष, शिक्षा और सामाजिक न्याय—इन दोनों मूल्यों की अनोखी संगति शुक्रवार को शहर के कचहरी रोड स्थित जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में देखने को मिली। अवसर था देश के द्वितीय राष्ट्रपति, महान दार्शनिक एवं शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती और बिहार के समाजवादी आंदोलन के प्रखर नायक जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि का। कार्यक्रम की शुरुआत नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने दोनों विभूतियों के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन से की।

शिक्षक समाज और राष्ट्र निर्माण की धुरी हैं – बबलू कुमार मंडल - जदयू जिलाध्यक्ष बबलू कुमार मंडल ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि शिक्षक ही वह शक्ति हैं जिनके बिना राष्ट्र का भविष्य अधूरा है। उन्होंने कहा कि आज यदि भारत का भविष्य उज्जवल है तो उसकी नींव शिक्षकों के समर्पण और मार्गदर्शन में निहित है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन महान विभूतियों के पदचिन्हों पर चलकर जो शिक्षा बजट 2005 से पहले तक मात्र 4366 करोड़ था जिसे बढ़ाकर अब 77690 करोड़ 2.43 लाख तक पहुंचा दिए। फलस्वरूप शैक्षणिक सुदृढ़ीकरण के लिए भारी संख्या में शिक्षकों, रसोईयों, रात्रि प्रहरी, लिपिक जैसे पदों पर बहाली की जा रही है।नये विद्यालय भवनों का निर्माण, बिहार में आईटीआई, पोलिटेकनिक और मेडिकल शिक्षा की पढ़ाई सहित आधारभूत संरचनाओं के विकास में शिक्षा व्यवस्था में काफी ऐतिहासिक सुधार हुआ है। साथ ही उन्होंने जगदेव बाबू को वंचितों और शोषितों का मसीहा बताते हुए कहा कि उनकी राजनीति सामाजिक न्याय और समानता की प्रखर लौ को सीएम नीतीश कुमार बेखूबी जला रहे हैं। ऐसे दो महामानवों की कृति प्रेरणा के श्रोत हैं। नीतीश कुमार जी ने शिक्षा और वंचितों को सम्मान दिया – राकेश पासवान शास्त्री जदयू प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉ. राधाकृष्णन केवल राष्ट्रपति नहीं, बल्कि चिंतन के आलोक स्तंभ और समाज सुधारक थे। उन्होंने कहा कि आज बिहार की एनडीए सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी शिक्षकों का सम्मान बढ़ाने और शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने में अभूतपूर्व काम कर रहे हैं। सर्वाधिक संख्या में शिक्षकों की बहाली, सम्मानजनक वेतन और हर विद्यालय में सुयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति इसका प्रमाण है।” उन्होंने आगे कहा कि जगदेव प्रसाद ने सामंती और रूढ़िवादी ताकतों के खिलाफ संघर्ष कर वंचितों को हक और अधिकार की आवाज दी। उनका ऐतिहासिक नारा “सौ में नब्बे शोषित हैं,.... नब्बे भाग हमारा है” आज भी प्रेरणास्रोत है। शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी विचारधारा को धरातल पर उतारते हुए वंचितों, शोषितों, पिछड़ों और दलितों को शिक्षा, रोजगार, राजनीति और सरकारी नौकरी में सम्मानजनक हिस्सेदारी दी है। इस अवसर पर जदयू की पूर्व जिला अध्यक्ष साधना देवी सदा, जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज कुमार पटेल, जिला उपाध्यक्ष निर्मला कुमारी, जिला महासचिव राजीव रंजन,युवा जिला अध्यक्ष सावन कुमार बंटी, राजनीति प्रसाद सिंह,जिला महासचिव राजेश सिंह मुखिया,पंकज चौधरी, , छात्र जिला अध्यक्ष सिद्धांत  सिंह छोटू, जयजयराम कुमार, गुड्डू यादव, रंजन कुमार समेत अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम श्रद्धा, सम्मान और संकल्प का अनूठा संगम साबित हुआ। एक ओर डॉ. राधाकृष्णन के शिक्षा दर्शन ने राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दी, वहीं दूसरी ओर जगदेव बाबू की समाजवादी विचारधारा ने सामाजिक न्याय और समानता के लिए संघर्ष का मार्ग दिखाया। जदयू नेताओं ने दोनों विभूतियों के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया।

रिपोर्टर - उमर खान 

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