व्यंग्यकार मुकेश राठौर को श्रेष्ठ व्यंग्यलेखन हेतु सम्मानित किया गया

भीकनगांव : व्यंग्यकार मुकेश राठौर को श्रेष्ठ व्यंग्यलेखन हेतु सम्मानित किया गया|रतलाम में आयोजित "ज्ञान चतुर्वेदी राष्ट्रीय व्यंग्य अलंकरण समारोह" में राठौर को ज्ञान चतुर्वेदी नवपल्लव व्यंग्य सम्मान के तहत शॉल-श्रीफल,प्रशस्ति पत्र और नगद राशि देकर सम्मानित किया गया|समारोह में प्रमोद तांबट(भोपाल),शशांक दुबे(उज्जैन),ब्रजेश कानूनगो(इंदौर)डॉ हरीश कुमार सिंह(उज्जैन),ऋषभ जैन(दुर्ग),अनीता श्रीवास्तव(टीकमगढ़),सारिका गुप्ता(इंदौर)भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किए गए|उपन्यासकार और व्यंग्यकार पद्मश्री डॉ ज्ञान चतुर्वेदी,वैश्विक पटल पर हिंदी को स्थापित करने वाले साहित्यकार डॉ जवाहर कर्णावट और ख्यात व्यंग्यकार कैलाश मंडलेकर बतौर अतिथि उपस्थित थे|लखनऊ के ख्यात व्यंग्यकार स्व.सुशील सिद्धार्थ द्वारा स्थापित यह सम्मान प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ व्यंग्य लेखन के लिए दिया जाता है मूलतः गोराडिया गांव के रहने वाले मुकेश राठौर के अब तक चार व्यंग्य संग्रह "मुआवजे का मौसम","अपनी डफली अपना राग","कौन बनेगा मुख्य अतिथि","कर्जदार होने के फायदे" सहित छह साझा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं|व्यंग्य की राष्ट्रीय पत्रिका अट्टहास के युवा विशेषांक का संपादन भी उनके द्वारा किया गया था|दो संपादित पुस्तके प्रकाशनाधीन है|राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में उनकी व्यंग्य रचनाएं प्रकाशित होती रहती है|ग्रामीण जीवन की विसंगतियों पर उनकी व्यंग्य रचनाएं पाठकों द्वारा पसंद की जा रही है|वे लगभग तीस वर्षों से लेखन से जुड़े हैं,नब्बे के दशक में आकाशवाणी इंदौर पर अनेकों बार रचनापाठ कर चुके हैं मार्च 24 में उन्हें उत्कृष्ट व्यंग्य लेखन के लिए बीपीए फाउंडेशन दिल्ली द्वारा साहित्य रत्न से सम्मानित किया गया था|रतलाम में संपन्न इस साहित्यिक आयोजन में देशभर से आए 22 व्यंग्यकारों द्वारा व्यंग्यपाठ किया गया,जिन्हें सुनने बड़ी संख्या में श्रोता पहुंचे थे|स्वागत सत्र का संचालन शांतिलाल जैन(उज्जैन),सम्मान पत्रों का वाचन डॉ.अलका अग्रवाल(मुंबई) और व्यंग्यपाठ संचालन सुनील जैन राही(दिल्ली)द्वारा किया गया|आभार संयोजन आशीष दशोत्तर ने माना।
रिपोर्टर : हरजिंदर सलूजा
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