क्यों कहा जाता हैं , खाटू श्याम को हारे का सहारा......

अपने अधिकतर लोगों को कहेते सुना होगा हारे का सहारा खाटू श्याम जी, लेकिन लोग ऐसा क्यों कहेते हैं ये सोचा हैं कभी , तो चलिए आज जानते हैं ऐसा क्यों कहेते हैं.
खाटू श्याम को कलियुग में सबसे प्रसिद्ध भगवान माना जाता है. इसके साथ ही इन्हें भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार भी माना जाता है. भक्तों के बीच ऐसी मान्यता है कि, भगवान खाटू श्याम अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते है. तो चलिए जानते हैं क्यों कहेते हारे का सहारा...
क्यों कहेते हैं , हारे का सहारा...
कहा जाता है कि, महाभारत युद्ध में हिस्सा लेने के लिए बर्बरीक ने अपनी मां से आज्ञा मांगी थी. लेकिन मां को लगा कि कौरवों की सेना अधिक होने के पांडवों को युद्ध जीतने में मुश्किल होगी. इसलिए उन्होंने बर्बरीक से वचन लिया कि,वह युद्ध में उसी पक्ष का साथ देंगे तो हार रहा होगा. बर्बरीक ने मां की आज्ञा मानकर वचन दिया कि, वह उसी पक्ष का साथ देंगे जो हार रहा होगा. इसलिए खाटू श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है. खाटू श्याम का अर्थ है, मं सैव्यम पराजित: यानी जो हारे और निराश लोगों को संबल प्रदान करता है.
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