खौफनाफ सच--- देश में 13 लाख से ज्यादा महिलाएं लड़कियाँ गायब?

खौफनाफ सच--- देश में 13 लाख से ज्यादा महिलाएं लड़कियाँ गायब?

 

हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारा देश विभिन्न संस्कृति,सभ्यता, संस्कार और प्राचीन परम्पराओ का देश है यहाँ महिलाओं को केवल महिला या आधी आबादी नहीं शक्ति स्वरूपा कहा जाता है इसी कारण हम कन्याओं को पूजते हैं। हमारे देश में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ जैसे नारे लगाए जाते भाई और  तो और देश की संसद में भी महिलाओं के लिए आरक्षण और भागीदारी का प्रावधान लाया जाता है।

 

3 साल में 13 लाख लड़कियां और ...

देश के नेता महिलाओं के हक़ सुख सुविधा की बात करते हैं इसी के लिए शायद इज़्ज़त घर और उज्ज्वला योजना जैसी योजनाएं लायी गयी। देश में महिलाओं ने अपने आपको हमेशा से साबित किया है चाहे वो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को धूल चटाने वाली महारानी लक्ष्मी बाई हो या जबलपुर की रानी दुर्गावती चाहे वो वीरांगना ऊदा देवी ही या मुगलों की दासता स्वीकार न करने वाली रानी पद्मावती हो या फिर हाल में घटित हुए ऑपरेशन सिन्दूर में बड़ी भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह हो नारी ने हमेशा अपनी क्षमताओं को देश के प्रति अपने लगाव को साबित किया है। पर अगर वही नारी देश में शोषित की जाये उस पर अत्याचार हों और गायब होने लगे तो सारी बातें बेमानी हो जायगी। 

अब आपको लगेगा ये गायब शब्द का उपयोग मैंने क्यों किया तो उसके पीछे भी कारण है एक खौफनाफ सच जिसको सुनने के बाद आपको पैरों के नीचे से जमीन खिसक जायगी। पर पूरी बात बताने से पहले हाल के ही एक वाकये की तरफ आपको लेकर चलते यहीं मामला देश के सबसे बड़े सूबे यानि उत्तर प्रदेश के अंबडेकर जिले का है जहाँ लगभग 56 नाबालिग लड़कियाँ लापता हैं यानि गायब है उनके घर वालों ने लड़कियों के अपहरण की एफआइआर तक दर्ज कराई है बताया जा रहा है जिनमे से करीब 20 लड़कियों ने परिजनों ने तो लोक लाज के डर से एफआइआर तक दर्ज नहीं कराई नहीं तो ये आंकड़ा 76 स्वे ज्यादा भी हो सकता है। लड़कियों के परिजन स्थानीय पुलिस पर लापरवाही और काम न करने के आरोप भी लगाएं है। अब सिर्फ सोचिये कि 56 लड़कियों के माँ बाप के ऊपर क्या बीत रही होगी जिसको दर्द होता है वही जानता है 

Alarming Rise in Missing Girls and ...

 

पर ये तो केवल 56 लड़कियों के गायब होने का मामला है पर अब यही ये संख्या लाखों में होगी तो आप क्या कहेंगे? जी हाँ ये कोई गलत जानकारी नहीं बल्कि सत्य है कि साल 2019 से साल 2021 तक यानि ,महज तीन सालों में 13 लाख से ज्यादा  महिलायें और लड़कियां गायब हैं ये बात मैं नहीं बल्कि NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) का डाटा है जिसको देश की संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा साल जुलाई 2023 में पेश किया गया था। जिनमें 18 साल से अधिक उम्र की 10,61,648 महिलाएं व उससे कम उम्र की 2,51,430 लड़कियां शामिल हैं।  इतनी बड़ी संख्या ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। यही नहीं, 87 महिलाओं से रोज बलात्कार हो रहा हैं। अब जानलीजिए उन बड़े राज्यों के नाम जहाँ पर ये महिलाओं लड़कियां बड़ी संख्या में गायब हुई हैं  लापता हुई हैं। अब जरा उन राज्यों के नाम भी जान लीजिये 

13.13 lakh girls, women went missing in ...

 

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि 

इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम आता है मध्यप्रदेश का जहाँ पर तत्कालीन मुख्यमंत्री थे शिवराज सिंह चौहान जिन्हे लोग मामा के नाम से सम्बोधित करते थे जहाँ लाड़ली बहना और लखपति दीदी जैसी बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गयी थी वहां अगर महिलायें सबसे ज्यादा लापता हुई हैं तो सवाल तो उठना लाजिमी है अब पूरी जानकारी लीजिए 

साल 2019 से साल 2021 तक

पहले स्थान पर मध्य प्रदेश है जहाँ 1,60,180 महिलाएं और 38,234 लड़कियां लापता हुईं 

दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल है जहां 1,56,905 महिलाएं और 36,606 लड़कियां लापता हुईं 

तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र जहाँ 1,78,400 महिलाएं और 13,033 लड़कियां लापता हो गईं।

चौथे स्थान पर ओडिशा में 70,222 महिलाएं और 16,649 लड़कियां लापता हुईं, 

पांचवे स्थान पर आदिवासी राज्य छत्तीसगढ़ जहां 49,116 महिलाएं और 10,817 लड़कियां लापता हुईं। 

पर खास बात है कि ये पूरी रिपोर्ट लापता हुईं महिलाओं की संख्या पर आधारित है, इसमें कितनी महिलाओं-लड़कियों को खोजकर पुलिस ने उनके परिवारों को सौंप दिया, वो डाटा इसमें नहीं बताया गया है। दूसरा कितनी महिलाओं ने अपनी मर्जी से घर से अलग होकर शादी कर ली इसमें केवल लापता महिलाओं और लड़कियों की संख्या का जिक्र है उसके बाद हुई कार्रवाई का नहीं। पर एक आंकड़ा और भी नहीं उपलब्ध है कि NCRB ने इस संख्या की गणना गुमशुदा महिलाओं और लड़कियों के संबंध में पुलिस स्टेशनों में दर्ज रिपोर्टों के आधार पर की है। हालांकि सामाजिक संगठनो का कहना है कि असल संख्या और अधिक हो सकती है क्योंकि कई परिवार सामाजिक कलंक और लोकलाज के चलते  समेत विभिन्न कारणों से लापता लड़कियों की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते हैं।

 

पर बात है कि राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, महिलाओं की और बच्चियों की सुरक्षा का जितना भी दावा करें, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। देश में कठोर कानून होने के बावजूद हर दिन 246 लड़कियां और 1027 महिलाएं गायब हो रही हैं तो वहीं 87 महिलाओं के साथ रोज बलात्कार हो रहा हैं। जो अपने आपमें एक बड़ा सवाल है। क्योंकि अगर सिर्फ बलात्कार और गैंगरेप की ही बात कर लें तो बीते कई सालों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मामले ज्यादा मिले है और नारी अपराध के जुड़े आंकड़ों की बात करें तो ये उपरोक्त राज्य चर्चा में बने रहते हैं।

 

NCRB रिपोर्ट को देखें तो महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे केंद्र और राज्य सरकारों के दावे केवल हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं। जिस तरह से महिलाओं और मासूमों के साथ घटनाएं हो रही हैं वो हमारे कानून व्यवस्था का पोल खोलता नजर आ रहा है। 

तीन वर्ष में देश भर से गायब हो गई 13 लाख से ज्यादा लड़कियां और महिलाएं

पर वही बात वही प्रश्न सामने है कि आखिर महिलाओं से जुड़े मामलों पर हमारी सरकारें संवेदनहीन क्यों हो जाती हैं और तो और हमारा समाज जो दिल्ली में हुए एक निर्भया काण्ड पर आक्रोशित हो गया था वो इन 13 लाख से ज्यादा महिलाओं के गायब होने पर अब तक शांत क्यों बैठा न जाने कितनी महिलाओं के साथ निर्भया से भी ज्यादा हैवानियत की गयी होगी पर उस पर कोई ध्यान या चर्चा आक्रोश आंदोलन नहीं तो फिर महिलाओं के प्रति संवेदना ये अधिकार की बातें ये सम्मान सब झूठा है क्योंकि अगर सच्चा होता तो हमारी माँ बहने असुरक्षित और लापता नहीं होती और तो और ये आकंड़े केवल 2019 से 2021 तक के हैं अगर बीते 15 साल का डाटा एक साथ NCRB निकालेगी तो सबके होश उड़ जायँगे।  इस आक्रोशित और क्रातिकारी लेख के माध्यम से मैं NCRB से निवेदन करता हूँ कि बीते 15 साल के आंकड़े जनता के सामने लाया जाए। बरना हमारी मातृ शक्ति की बात सुनने वाला कोई नहीं है अगर सुनता होता तो ना ही  मणिपुर में महिलाओं के साथ हैवानियत होती न सन्देश खाली में न दिल्ली में न हाथरस में और न ही यूपी के अम्बेडकर नगर में  दर्जनों लडकियां गायब होती। 

 

 

फिर तो एक ही बात समझ में आती है किसी ने क्या खूब कहा है 
शस्त्र उठा लो द्रौपदी अब माधव न आएंगे

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