श्योर सक्सेस कोचिंग सेंटर, मुरहू में जेपीएससी में चयनित रूपम सोनाली को भव्य सम्मान, युवाओं में जगी नई ऊर्जा

खूंटी : जिला के मुरहू स्थित श्योर सक्सेस कोचिंग सेंटर में झारखंड लोक सेवा आयोग (11वीं–13वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा) में सफलता प्राप्त करनेवाली जिले की होनहार बेटी रूपम सोनाली को एक गरिमामय समारोह में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन श्योर सक्सेस कोचिंग सेंटर द्वारा किया गया, जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राएं, अभिभावकगण और शिक्षकगण उपस्थित थे।

सकलदीप भगत (निदेशक, श्योर सक्सेस कोचिंग सेंटर, मुरहू) ने कहा:

"इस संस्थान का उद्देश्य सिर्फ पाठ्यक्रम की पढ़ाई नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के भीतर आत्मविश्वास और प्रशासनिक सेवा के लिए जज़्बा पैदा करना है। रूपम सोनाली की सफलता हम सबके लिए गर्व का विषय है। उन्होंने यह साबित किया है कि खुटीं जैसे ग्रामीण क्षेत्र से भी कड़ी मेहनत, दिशा और संकल्प के बल पर प्रदेश स्तर पर सफलता पाई जा सकती है। हम चाहते हैं कि आने वाले वर्षों में और भी विद्यार्थी इस मार्ग पर अग्रसर हों।"

प्रकाश टुटी (रांची विभाग संयोजक, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने कहा:

"आज का दिन सिर्फ रूपम के लिए नहीं, बल्कि हर उस विद्यार्थी के लिए प्रेरणा है जो छोटे-छोटे संसाधनों में बड़े सपने देखते हैं। रूपम की यह सफलता छात्र शक्ति, नारी शक्ति और ग्रामीण प्रतिभा का एक सुंदर उदाहरण है। विद्यार्थी परिषद सदैव ऐसे छात्रों के साथ खड़ी रही है जो समाज और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना चाहते हैं।"

मनीष तिवारी (निदेशक, दानी पब्लिक स्कूल, खूंटी) ने अपने संबोधन में कहा:

"हर माता-पिता, हर शिक्षक और हर समाज का यह कर्तव्य बनता है कि वह ऐसे प्रतिभावान विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का अवसर दें। रूपम सोनाली की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर सही समय पर मार्गदर्शन, सकारात्मक वातावरण और निरंतर प्रयास मिले तो कोई भी छात्र सफल हो सकता है।" रूपाली (रूपम की बड़ी बहन एवं अभिभावक) ने भावुक होते हुए कहा: "रूपम बचपन से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर रही हैं। उन्होंने हर कठिन परिस्थिति में भी हार नहीं मानी। एक बहन और जअभिभावक के रूप में मैंने उसे बस मनोबल देने की कोशिश की, लेकिन असली मेहनत उसने खुद की है। मैं उन सभी शिक्षकों, मार्गदर्शकों और साथियों की आभारी हूं जिन्होंने रूपम की इस यात्रा को संभव बनाया।"

इसके बाद मंच पर रूपम सोनाली ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा:
"मैंने कभी भी मंजिल को आसान नहीं समझा, लेकिन यह भी ठान लिया था कि अगर मेहनत सच्ची हो तो कोई भी रास्ता नामुमकिन नहीं। इस यात्रा में मेरे संस्थान, शिक्षकों, परिवार और बहन रूपाली का अपार सहयोग रहा। आज मैं इस सम्मान को सिर्फ अपनी नहीं, पूरे खूंटी जिले की उपलब्धि मानती हूं।" कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक रूपम सोनाली से सवाल भी किए और उन्होंने खुले दिल से सभी का मार्गदर्शन किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ।

रिपोर्टर : शहीद अंसारी

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