जिला स्तरीय पोषण माह समापन समारोह का आयोजन, संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उपायुक्त श्रीमती आर. रॉनिटा ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ।

खूंटी : समाज कल्याण शाखा, खूंटी द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के अवसर पर नगर भवन, खूंटी में जिला स्तरीय समापन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि उपायुक्त श्रीमती आर. राॅनिटा, उप विकास आयुक्त श्री आलोक कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रभारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त श्रीमती आर. राॅनिटा ने कहा कि पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं एवं सहायिकाओं द्वारा महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के बीच पोषण संबंधी जानकारी का प्रसार कर सराहनीय कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि “सुपोषित झारखंड, साक्षर झारखंड, समृद्ध झारखंड” की परिकल्पना को साकार करने में आंगनबाड़ी कर्मियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उपायुक्त ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, अतः अभिभावकों को उनके सही पोषण और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों से आग्रह किया कि पोषण जागरूकता को एक सतत अभियान के रूप में लेकर महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी बच्चों और माताओं के पोषण के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें अपने खान-पान में कम नमक, कम चीनी और कम तेल का उपयोग कर स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। उपायुक्त ने माताओं से कहा कि मां का दूध बच्चों के लिए अमृत तुल्य होता है, अतः शिशु के प्रारंभिक छह माह तक केवल स्तनपान कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरी सब्जियां, फल और स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करने से हम अनेक बीमारियों से बच सकते हैं। कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्री आलोक कुमार ने पोषण माह की थीम “हमारा संकल्प – कुपोषण मुक्त झारखंड” पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किसी भी बच्चे के लिए जन्म से पूर्व 9 माह और जन्म के बाद 2 वर्ष यानी कुल 1000 दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवधि में माताओं को नियमित स्वास्थ्य जांच कराना और पोषण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के पहले छह माह तक मां का दूध सर्वोत्तम आहार है और तीन वर्ष की आयु तक आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से उन्हें पौष्टिक आहार और प्रारंभिक शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने स्वच्छता पर बल देते हुए कहा कि हमें अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता की आदत डालनी चाहिए और बच्चों को भी प्रारंभ से ही स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाना चाहिए। समारोह के दौरान गोद भराई और अन्नप्राशन की रस्में संपन्न कराई गईं। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाली सेविकाओं एवं सहायिकाओं को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया। मौके पर पौष्टिक आहार से संबंधित प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए गए, जिनका उपायुक्त ने अवलोकन कर कर्मियों के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम में विभिन्न प्रखंडों के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, आंगनबाड़ी सेविकाएं-सहायिकाएं एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
रिपोर्टर : शहीद अंसारी
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