कीवी की खेती से ऐसे होगी लाखों की कमाई, जानें जानकारी

कीवी की खेती भारत में एक लाभकारी और स्थायी व्यवसाय बन सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ ठंडी जलवायु और उपयुक्त मृदा उपलब्ध है। आइए जानते हैं कि कैसे आप कीवी की खेती से लाखों रुपये कमा सकते हैं।

कीवी की खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र

कीवी की खेती के लिए 800 से 1500 मीटर ऊँचाई वाले क्षेत्र उपयुक्त हैं, जहाँ औसत तापमान 15°C हो। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और दार्जिलिंग जैसे क्षेत्रों में कीवी की खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। 

भूमि और जलवायु की आवश्यकताएँ

मृदा: गहरी, समृद्ध और जल निकासी वाली बलुई दोमट मृदा।
pH स्तर: 5.0 से 6.1 के बीच।
वर्षा: 150 सेमी वार्षिक वर्षा, जो उगाई के दौरान समान रूप से वितरित हो।
सर्दी: 700-800 घंटे की ठंडक (7°C से नीचे तापमान) आवश्यक है।
गर्मी: गर्मियों में 35°C से अधिक तापमान से पत्तियों को नुकसान हो सकता है। 

रोपण और देखभाल

रोपण दूरी: वाइन को 5–6 मीटर की दूरी पर लगाएँ, और पंक्तियाँ 4 मीटर की दूरी पर रखें।
सपोर्ट संरचना: वाइन के लिए मजबूत सहारा जैसे ट्रेलिस या तार की व्यवस्था करें।
सिंचाई: प्रारंभिक वर्षों में हर 2–3 दिन में सिंचाई करें; बाद में 10–12 दिन के अंतराल पर।
खाद और उर्वरक: प्रत्येक पौधे को 40 किलोग्राम गोबर की खाद और 850 ग्राम नाइट्रोजन, 500 ग्राम फास्फोरस, और 800–850 ग्राम पोटाश प्रति वर्ष दें।
छंटाई: वाइन की स्वस्थ वृद्धि के लिए सर्दियों में छंटाई करें। 

उत्पादन और आय

उत्पादन: प्रत्येक पौधा 25 से 30 किलोग्राम फल प्रति वर्ष देता है।
विपणन मूल्य: कीवी का मूल्य ₹150 से ₹300 प्रति किलोग्राम तक हो सकता है, गुणवत्ता और आकार के आधार पर।
आय: एक एकड़ में 150–200 पौधे लगाकर ₹4 से ₹6 लाख की वार्षिक आय प्राप्त की जा सकती है। 

निवेश और लाभ

निवेश: प्रारंभिक निवेश में रोपण, सहारा संरचना, सिंचाई व्यवस्था, और उर्वरक शामिल हैं।
लाभ: 5–7 वर्षों में पूरी उत्पादन क्षमता प्राप्त होती है।
मुनाफा: उत्पादन लागत के बाद प्रति एकड़ लगभग ₹25 लाख का शुद्ध लाभ हो सकता है।

सरकारी सहायता और योजनाएँ

उत्तराखंड सरकार: कीवी और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए ₹894 करोड़ की योजना शुरू की है, जिसमें 3,500 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा।

उधार और अनुदान: कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और बागवानी विभागों से मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है।

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