जालंधर वध का मनोहारी मंचन देखकर हर्षित हुए दर्शक

कुशीनगर : तमकुहीराज के सेंदुरीया बुजुर्ग के टिले पर स्थित मा कंकाली मन्दिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय श्रीरुद्र महायज्ञ के छठवें दिन सोमवार को कथा वाचिका भक्ति किरण शास्त्री ने शिव शिवमहापुराण की कथा सुनाई।वही रात आठ बजे से वृंदावन के रामलीला मंडली ने भगवान शिव के द्वारा जालंधर वध करने का मनोहारी मन्चन किया।मंचन देख पंडाल में बैठे श्रंद्धालू हर्षितवहो उठे।
रामलीला में मंचन कर रहे 18 कलाकारों ने दिखाया कि भगवान शंकर समुद्र से कमंडल में जल लेकर जालंधर को प्रकट करते हैं। ऋषि नारद मुनि जलांधर को भगवान विष्णु और शंकर आदि की तपस्या कर उनकी शक्ति का वरदान मांगने का उपाए बताते हैं। इस पर जालंधर भगवन भगवान विष्णु की तपस्या कर विष्णु चक्र आदि का वरदान प्राप्त कर लेता है। वरदान मिलने के बाद जलांधर देवताओं को ही ललकारना शुरू कर देता है। इस दौरान वह इंद्र पर ही अपनी शक्तियों का प्रयोग करना शुरू देता है। इससे इंद्र जालंधर से अपनी जान बचाकर ऋषि नारद मुनि के पास पहुंचते हैं। नारद मुनि इंद्र देव को भगवान शंकर के पास कैलाश पर्वत पर भेज देते हैं। इसके बाद इंद्रदेव को खोजते हुए कैलाश पर्वत पर जलांधर पहुंचता है और भगवान शंकर से युद्ध करने लगता है। भगवान शिव के बीच हुये युद्ध मे भगवान शिव ने जालंधर का वध कर देवताओं को जालंधर के अत्याचार से मुक्त कराया।उसके बाद शंकर भगवान की जयकारे से पूरा पंडाल गुज उठा। इस मौके पर आचार्य डा प हरिकेश शात्री,समिति के अध्यक्ष विजली यादव,गुलाब दास,नथुनी यादव,सत्यप्रकाश शर्मा,कपिलदेव यादव,गोविंद यादव,प्रमोद गुप्ता आदि मौजूद रहे।
रिपोर्टर : सुरेन्द्र प्रसाद गोंड
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