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खेती में नवाचार और जैविक तकनीक से किसानों को आय दोगुनी करने का सुझाव

कुशीनगर : पर्यावरण संरक्षण के साथ बेहतर उत्पादन पर वैज्ञानिकों का जोर, कम लागत और टिकाऊ कृषि के लिए नए उपाय किसानों को बताए गए विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत शनिवार को तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत ज्वार के भवन परिसर में किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी, कृषि विज्ञान केन्द्र, क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, कृषि विभाग और गेंदा सिंह गन्ना शोध संस्थान सेवरही के वैज्ञानिकों ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं और नवाचार की जानकारी दी। डा. अरुण प्रताप सिंह ने कहा कि धान की खेती में वैज्ञानिक तरीके अपनाकर उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। उचित जल प्रबंधन और मृदा परीक्षण से फसल की गुणवत्ता सुधरती है। सहायक विकास अधिकारी कृषि रक्षा मदन गोपाल गौतम ने जैविक खेती को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों का सीमित उपयोग कर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना जरूरी है। मौसम विज्ञानी डा. श्रुति वी सिंह ने बताया कि बदलते मौसम के अनुसार फसल प्रबंधन जरूरी है ताकि फसलों की सुरक्षा हो सके। तकनीकि अधिकारी मोतीलाल कुशवाहा ने कहा कि कीट प्रबंधन में जैविक एवं रासायनिक तरीकों का संतुलित उपयोग आवश्यक है। डा. योगेंद्र प्रताप भारती ने गन्ना की खेती में नई तकनीकों और रोग नियंत्रण के उपाय बताए। डा. गंगाराज आर ने कृषि प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संसाधनों का सही उपयोग किसानों की आय बढ़ा सकता है। एडीओ एजी राजेंद्र खरवार ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ अवश्य लेना चाहिए। बीटीएम अजय कुमार ने अन्य सहायक जानकारियां साझा कीं जिससे किसान अपनी कृषि प्रणाली में सुधार कर सकें। इस दौरान विकास तिवारी, सुग्रीव प्रसाद, सुरेंद्र शुक्ला, प्रधान संत कुमार, रमाकांत, हरिशंकर, भरत, अमर, सुभाष सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।

रिपोर्टर : सुरेन्द्र प्रसाद गोंड

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