डॉ. वैशाली जैन ने बताया IVF तकनीक में Laparoscopy और Hysteroscopy है वरदान !

आज के युग में चिकित्सा विज्ञान ने एक से बढ़कर एक चमत्कारी उपलब्धियाँ हासिल की हैं, और इनमें से सबसे हैरान कर देने वाली और जीवन को बदल देने वाली तकनीक है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF).यह तकनीक उन दंपत्तियों के लिए एक वरदान साबित हुई है, जो संतान सुख से वंचित होने की निराशा झेल रहे थे। IVF महज़ एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह एक ऐसी कहानी है, जो आशाओं से भरी होती है—एक नए जीवन की शुरुआत की ओर एक कदम और एक नए अनुभव की ओर यात्रा। यही वजह है कि सी न्यूज़ भारत ने इस विषय को लेकर और गहरी जानकारी हासिल करने की कोशिश की। इस दौरान, देश की एक प्रतिष्ठित और अनुभवी IVF एक्सपर्ट और दीवा IVF लखनऊ की निदेशक डॉ. वैशाली जैन ने हमें IVF तकनीक के बारे में कुछ बेहद दिलचस्प और महत्वपूर्ण बातें बताई। इस खास बातचीत से IVF से जुड़ी कुछ नई और रोचक जानकारी सामने आई, जो न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि किसी के लिए उम्मीद और प्रेरणा का भी स्रोत बन सकती है।

IVF तकनीक में Laparoscopy क्या है?

IVF प्रक्रिया में लैप्रोस्कोपी एक आसान सर्जिकल तकनीक है, जिसमें पेट में एक छोटा सा छेद करके कैमरे के माध्यम से गर्भाशय, अंडाशय और फॉलोपियन ट्यूब्स जैसी प्रजनन अंगों का निरीक्षण किया जाता है। यह तब किया जाता है जब गर्भधारण में किसी प्रकार की समस्या हो और उसका कारण स्पष्ट न हो। इससे डॉक्टर यह जान सकते हैं कि कहीं कोई रुकावट, बीमारी या अवरोध तो नहीं है, जो गर्भधारण में रुकावट डाल रहा हो। यदि कोई समस्या पाई जाती है, तो उसी समय उसका इलाज भी किया जा सकता है।

बांझपन के निदान के लिए लैप्रोस्कोपी

IVF तकनीक में Hysteroscopy क्या है?

हिस्टीरोस्कोपी (Hysteroscopy) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उपयोग गर्भाशय की स्थिति का आकलन करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से तब की जाती है जब महिला को गर्भधारण में कठिनाई हो, बार-बार गर्भपात हो चुका हो, या IVF से पहले यह सुनिश्चित करना हो कि बच्चेदानी पूरी तरह से स्वस्थ है। इसमें डॉक्टर कैमरे की मदद से गर्भाशय के अंदर झांकते हैं और देखते हैं कि कहीं वहां कोई रुकावट, गांठ, पॉलिप या सूजन तो नहीं है। अगर ऐसा कुछ पाया जाता है, तो उसे उसी समय हटाया भी जा सकता है, जिससे भविष्य में गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

Hysteroscopy, Laparoscopy : Infertility Surgery | Wistim

Hysteroscopy और Laparoscopy में क्या अंतर है?

हिस्टीरोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी दोनों ही प्रजनन अंगों की जांच करने के लिए की जाने वाली प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन इनका उद्देश्य और तरीका अलग होता है। हिस्टीरोस्कोपी में एक पतली ट्यूब (कैमरे वाली) को योनि के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है, जबकि लैप्रोस्कोपी में पेट में छोटे चीरे किए जाते हैं और कैमरे के साथ एक उपकरण डाला जाता है, जिससे अंडाशय, फॉलोपियन ट्यूब्स और आस-पास के अंगों का निरीक्षण किया जा सकता है। दोनों प्रक्रियाओं का उद्देश्य IVF के लिए महिला के शरीर की स्थिति का सही आकलन करना है।

Hysteroscopy और Laparoscopy में सफलता की दर क्या है?

हिस्टीरोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी दोनों ही IVF प्रक्रिया की सफलता दर को बढ़ाने में मदद करती हैं। हिस्टीरोस्कोपी के माध्यम से गर्भाशय में किसी भी रुकावट (जैसे पॉलिप्स या फाइब्रॉइड्स) को हटाया जाता है, जिससे IVF के बाद गर्भधारण की संभावना 10-20% तक बढ़ सकती है। वहीं, लैप्रोस्कोपी का उपयोग ट्यूब ब्लॉकेज, एंडोमेट्रियोसिस या अन्य पेल्विक समस्याओं के इलाज में किया जाता है, जिससे IVF की सफलता दर 20-30% तक बढ़ सकती है। कुछ मामलों में यह सफलता दर 100% तक भी हो सकती है। हालांकि, सफलता दर महिला की उम्र, स्वास्थ्य और बाकी कारकों पर निर्भर करती है।

क्या Hysteroscopy और Laparoscopy करना सुरक्षित है?

दोनों प्रक्रियाएँ हिस्टीरोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी अत्यधिक सुरक्षित मानी जाती हैं। हिस्टीरोस्कोपी में गर्भाशय की जांच की जाती है और इसका संक्रमण या रक्तस्राव से संबंधित खतरा बहुत कम होता है। दूसरी ओर, लैप्रोस्कोपी में पेट में छोटे चीरे किए जाते हैं, और इस प्रक्रिया में संक्रमण या अन्य जटिलताओं का खतरा थोड़ा होता है, लेकिन यह भी बेहद दुर्लभ होता है। यदि यह प्रक्रियाएँ प्रशिक्षित और अनुभवी डॉक्टर द्वारा की जाएं तो यह पूरी तरह से सुरक्षित मानी जाती हैं और मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं।

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इस खास बातचीत से यह स्पष्ट हो जाता है कि IVF एक ऐसी तकनीक है, जिसने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाई है, बल्कि कई दंपत्तियों के सपनों को भी साकार किया है। हिस्टीरोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी जैसी आधुनिक प्रक्रियाएँ IVF की सफलता दर को बढ़ाती हैं, और इनसे जुड़े जोखिम भी बेहद कम हैं। यह तकनीक उन परिवारों के लिए एक नई आशा की किरण बनकर सामने आई है, जो संतान सुख से वंचित हैं। जैसा कि डॉ. वैशाली जैन ने बताया, IVF में सफलता पाने के रास्ते में समर्पण, सही मार्गदर्शन और मेडिकल तकनीकों का सही इस्तेमाल महत्वपूर्ण है। अंततः, यह हमें यह सिखाता है कि जब विज्ञान और मेहनत एक साथ मिलते हैं, तो असंभव कुछ भी नहीं होता। IVF एक सच्ची प्रेरणा है, जो यह साबित करता है कि नए जीवन की शुरुआत कभी भी संभव हो सकती है।अगर आप भी डॉ वैशाली जैन के माध्यम से अपने जीवन में लाना चाहते हैं खुशहाली तो जरूर संपर्क करें - 

 

DIVA IVF N FERTILITY CLINIC 

(उम्मीद से खुशियों तक)

B-1/45 SECTOR-J ,ALIGANJ,OPP RBI COLONY, Lucknow

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