कागजातों में फर्जीवाड़ा कर किया जा रहा है सेविका का चयन,पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

बालूमाथ : बाल विकास परियोजना कार्यालय बालूमाथ के अंतर्गत सेविका चयन प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में है. कई आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका पद पर नियुक्ति को लेकर कागजातों में गंभीर फर्जीवाड़ा सामने आया है. पात्रता मानकों को दरकिनार करते हुए अपात्र उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है. जिससे योग्य अभ्यर्थी हाशिए पर जा रहे हैं, और चयन में शामिल पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि कुछ पंचायतों में चयन प्रक्रिया के दौरान आवेदन करने वाली अभ्यर्थियों के शैक्षणिक और आवासीय प्रमाणपत्रों में हेराफेरी की गई है. वहीं कुछ स्थानों पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र और गलत जानकारी के आधार पर अंक तालिका में मनमाने ढंग से वरीयता दी गई है. इस पूरे प्रकरण में संबंधित पर्यवेक्षिका और सीडीपीओ की भूमिका पर भी संदेह जताया जा रहा है. कई वंचित और पात्र अभ्यर्थियों ने इस फर्जी चयन प्रक्रिया के खिलाफ जिला के उपायुक्त समेत बाल विकास परियोजना कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. महिला एवं बाल विकास विभाग को भी पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है. ताजा मामला बालूमाथ प्रखंड अंतर्गत शेरेगाड़ा पंचायत के बुकरू आंगनबाड़ी केंद्र का है. जहां दो जून को बालूमाथ के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सोमा उरांव व महिला पर्यवेक्षिका के देखरेख में आमसभा आयोजित कर रीता देवी, पति मुंशी गंझू का चयन किया गया। रीता देवी के द्वारा जो भी शैक्षणिक योग्यता से संबंधित प्रमाण पत्र की छाया प्रति जमा की गई. पदाधिकारियों ने बिना मूल प्रति से मिलान किए उसे सही मान लिया व उक्त पद के लिए रीता देवी को योग्य उम्मीदवार मानते हुए आंगनबाड़ी सेविका के पद पर चयन कर दिया।
रवींद्र कुमार के मार्कशीट को एडिट कर फर्जी तरीके से बनाया गया रीता देवी का स्नातक पास करने का अंक प्रमाणपत्र
दो जून को सेविका चयन के लिए हुए आमसभा में रीता देवी के द्वारा जो कागजात जमा किए गए उसमें उनकी स्नातक की योग्यता बताई गई. विनोबा भावे विश्विद्यालय के अंतर्गत आरएनएम कॉलेज हंटरगंज, चतरा से सत्र 2021-24 में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने की जानकारी रीता देवी द्वारा दी गई. यही नहीं उनके द्वारा शैक्षणिक प्राप्तांको की जो विवरणी दी गई है उसमें 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक उत्तीर्ण बताया गया है. विरोधाभास यहां पर यह है कि फर्जी मार्कशीट में फर्स्ट क्लास से उत्तीर्ण होने तथा प्राप्तांको की विवरणिका में 55 प्रतिशत यानी द्वितीय श्रेणी से पास होने की बात पर भी आमसभा में पर्यवेक्षक या पदाधिकारी का ध्यान नहीं गया. जो चिंतनीय है. स्नातक उत्तीर्ण का मार्कशीट की छाया प्रति उम्मीदवार के द्वारा जमा किया गया उसमें रॉल नंबर 220371027627 व रजिस्ट्रेशन स.VBU2021041879 पिता शिवा गंझू अंकित है. उक्त रजिस्ट्रेशन एवं रॉल नंबर विनोबा भावे विश्विद्यालय के वेबसाइट पर वास्तविक छात्र रवींद्र कुमार के नाम पर दर्ज है।
सेविका चयन में मोटी रकम लेकर पक्षपात करने का आरोप
आंगनबाड़ी सेविका चयन में पक्षपात करने के लिए मोटी रकम का लेनदेन का आरोप भी स्थानीय ग्रामीणों ने लगाया है। ग्रामीणों ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि लातेहार का एक व्यवसाई जो सीडीपीओ कार्यालय का मध्यस्त है. जिसे बाल विकास परियोजना कार्यालय के अधिकारियों का वारदहस्त प्राप्त है. चयन से पूर्व संपर्क साधता है. सेटिंग करने के लिए लेनदेन तय करता है. तय पैसा अग्रिम के रूप में ले लेता है. आमसभा में पर्यवेक्षिका और पदाधिकारी सेट उम्मीदवार का चयन की घोषणा कर देते हैं. इस दावे को बल तब मिलता है, जब चयन प्रक्रिया से पूर्व ही आमसभा में हुए निर्णयों की सहमति पर हस्ताक्षर करा लिया जाता है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सेविका चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है. सेविका पद के लिए उम्मीदवार रही प्रमिला देवी ने सीडीपीओ कार्यालय को 06 जून को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है. यही नहीं बाल विकास परियोजना कार्यालय बालूमाथ के अधीन बारियातू प्रखंड के रहेया आंगनबाड़ी केंद्र में पोषक क्षेत्र के बाहर की महिला देवंती कुमारी का चयन कर लिया गया है। जबकि आमसभा में मुखिया व पंचायत समिति सदस्य उपस्थित नहीं थे. ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन देकर 06 जून को हुए आमसभा में पोषक क्षेत्र से बाहर की महिला का पक्षपात पूर्ण चयन कर दिए जाने की बात कही गई है. साथ ही पोषक क्षेत्र की महिला को सेविका के रूप में चयन कराने की मांग की है. यही मामला हेरहंज प्रखंड के हेरहंज आंगनबाड़ी केंद्र का है. जहां सेविका के रूप में पोषक क्षेत्र से बाहर की महिला मेनका कुमारी को सेविका के पद पर चयन कर दिया गया है. ग्रामीणों ने इस संबंध में जिला के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें 31 मई को हुए आमसभा में प्रक्रियाओं के पालन नहीं होने तथा मेनका कुमारी को घुरे निवासी बताते हुए सुपरवाइजर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. इस सम्बन्ध में ग्रामीणों का कहना है कि गरीब और ग्रामीण महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है. प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करता है, तो आंदोलन किया जाएगा. मामले को लेकर बाल विकास परियोजना कार्यालय की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आया है. इससे यह सवाल और गहरा गया है, कि कहीं मिलीभगत तो नहीं हो रही है. ऐसे में आम जनता और अभ्यर्थी प्रशासन की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि सेविका चयन की वर्तमान प्रक्रिया को तत्काल रद्द कर जांच समिति गठित की जाए. दोषी पदाधिकारियों और लाभ उठाने वाले अभ्यर्थियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सके।
क्या कहते हैं उपायुक्त
इस संबंध में पूछे जाने पर उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका चयन में स्पेसिफिक कोई शिकायत है तो जानकारी दें. निश्चित रूप से कर्रवाई होगी. उधर प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सोमा उरांव ने कहा कि बुकरू आंगनबाड़ी केंद्र में सेविका के रूप में आमसभा के माध्यम से रीता देवी का चयन किया गया था। फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र की शिकायत मिली है। शिकायत प्रथम दृष्टया सत्य प्रतीत हो रहा है. जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्टर : मो० अरबाज
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