मजदूर दिवस एक संदेश देता है कि मजदूरों का योगदान समाज में महत्वपूर्ण है और उन्हें सम्मान व न्याय मिलना चाहिए

लातेहार : दुनियाभर में मई माह में मजदूर दिवस मनाया जाता है। श्रमिकों के लिए एक दिन समर्पित करने का बड़ा कारण है। मजदूर दिवस मनाने का महत्व विभिन्न देशों में अलग-अलग हो सकता है लेकिन यह एक संदेश देता है कि मजदूरों का योगदान समाज में महत्वपूर्ण है और उन्हें सम्मान व न्याय मिलना चाहिए। मजदूर समाज की आधारभूत ढांचे को सुनिश्चित करते हैं। वे श्रम करके उत्पादन का संचालन करते हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास संभव होता है। श्रमिकों का समाज में योगदान न केवल आर्थिक रूप से है, बल्कि उनके अधिकारों और सामाजिक स्थिति के मामले में भी महत्वपूर्ण है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से इस दिन को मनाए जाने की शुरुआत हुई। दुनिया भर में एक मई को मजदूर दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। बाद में अमेरिकी मजदूरों की तरह ही दूसरे देशों में भी श्रमिकों के लिए 8 घंटे काम करने का नियम लागू कर दिया गया। दुनियाभर में मई माह में मजदूर दिवस मनाया जाता है। श्रमिकों के लिए एक दिन समर्पित करने का बड़ा कारण है। मजदूर दिवस मनाने का महत्व विभिन्न देशों में अलग-अलग हो सकता है लेकिन यह एक संदेश देता है कि मजदूरों का योगदान समाज में महत्वपूर्ण है और उन्हें सम्मान व न्याय मिलना चाहिए।मजदूर समाज की आधारभूत ढांचे को सुनिश्चित करते हैं। वे श्रम करके उत्पादन का संचालन करते हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास संभव होता है। श्रमिकों का समाज में योगदान न केवल आर्थिक रूप से है, बल्कि उनके अधिकारों और सामाजिक स्थिति के मामले में भी महत्वपूर्ण है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से इस दिन को मनाए जाने की शुरुआत हुई।
मजदूर – राष्ट्र निर्माण की रीढ़
मजदूर – राष्ट्र निर्माण की रीढ़ है
इस बात को हम सब जानते हैं कि कोई भी देश तभी प्रगति कर सकता है, जब उसकी नींव मजबूत हो और यह नींव तैयार करते हैं हमारे श्रमिक। चाहे वह सड़कें बनाने वाले हों, भवन निर्माण में लगे लोग हों, खेतों में पसीना बहाने वाले किसान हों, फैक्ट्रियों में दिन-रात काम करने वाले कर्मचारी हों, या फिर छोटे दुकानदार और सफाई कर्मचारी – हर मजदूर अपने-अपने स्तर पर समाज को आगे ले जाने में जुटा हुआ है। कभी आपने गौर किया है कि जब आप सुबह उठते हैं, तब तक दूध वाला, सफाईकर्मी, अख़बार वाला – सभी अपना काम कर चुके होते हैं। हम जिन सुविधाओं का उपभोग करते हैं – बिजली, पानी, यातायात, भोजन – हर एक के पीछे अनगिनत मजदूरों का परिश्रम छुपा होता है। हमारे देश में श्रमिकों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन वास्तविकता यह है कि आज भी बहुत से मजदूर बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं। कई स्थानों पर उन्हें: काम के घंटे अधिक और आराम का समय कम होता है , बाल मजदूरी जैसी समस्याएं अभी भी मौजूद हैं , उचित वेतन नहीं मिलता स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा नहीं मिलता महिलाएं मजदूर वर्ग में दोहरी मार झेलती हैं।
मजदूर दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। मजदूर दिवस पहली बार 1889 में मनाने का फैसला लिया गया। हालांकि इसकी शुरुआत 1886 से ही हो गई थी। इसे मनाने की आवाज अमेरिका के शिकागो शहर में बुलंद हुई, जब मजदूर सड़क पर उतर आए ।
क्यों मनाते हैं मजदूर दिवस?
1886 से पहले अमेरिका में आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें मजदूरों ने अपने हक के लिए आवाज उठाते हुए हड़ताल शुरू की। आंदोलन की वजह मजदूरों की कार्य अवधि थी। उन दिनों मजदूर एक दिन में 15-15 घंटे कार्य करते थे। आंदोलन के दौरान पुलिस में मजदूरों पर गोलियां चलाईं, जिसमें कई श्रमिकों की जान चली गई और कई घायल हो गए।
मजदूरों की कार्य अवधि कम करने की मांग
घटना के तीन साल बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें तय किया गया कि हर मजदूर की प्रतिदिन का कार्य अवधि 8 घंटे ही होगी। वहीं एक मई को मजदूर दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। बाद में अमेरिकी मजदूरों की तरह ही दूसरे देशों में भी श्रमिकों के लिए 8 घंटे काम करने का नियम लागू कर दिया गया।
भारत में पहली बार लाल रंग का झंडा मजदूरों की एकजुटता और संघर्ष के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।
1 मई 1889 में अमेरिका के मजदूर दिवस मनाने के प्रस्ताव के 34 साल बाद भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत हुई। देश में मजदूर अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठी तो भारत में 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने मद्रास (चेन्नई) में इसकी शुरुआत की थी। इसका नेतृत्व वामपंथी व सोशलिस्ट पार्टियां कर रही थीं। पहली बार लाल रंग का झंडा मजदूरों की एकजुटता और संघर्ष के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। तब से हर साल भारत में एक मई को मजदूर दिवस मनाने का ऐलान किया गया।
रिपोर्टर : बब्लू खान
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