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लातेहार: ‘सरकार आपके द्वार’ बना सिर्फ कागजी अभियान ग्रामीण बोले फॉर्म भरवाया,नतीजा शून्य जनप्रतिनिधियों ने भी जताई नाराजगी

लातेहार : झारखंड सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की सीधी पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई बहुप्रचारित ‘सरकार आपके द्वार’ योजना लातेहार जिले में सिर्फ कागजी साबित हो रही है। जिले के विभिन्न पंचायतों से आ रही शिकायतों के अनुसार, हजारों ग्रामीणों ने सरकार के निर्देश पर फॉर्म तो भर दिए, पर न अब तक कोई योजना का लाभ मिला और न ही कोई प्रक्रिया आगे बढ़ी।

 कागज़ी कार्रवाई में उलझा जनकल्याण 

लातेहार, मनिका ,महुआडांड़, बालूमाथ, चंदवा, बरवाडीह और गारू प्रखंड के सैकड़ों ग्रामीणों ने इस योजना के तहत आधार कार्ड संशोधन, वृद्धावस्था पेंशन, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन किया था। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनका कोई अता-पता नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा अभियान महज औपचारिकता बनकर रह गया।

दुरूप पंचायत के ग्रामीण  ने कहा: 
हमने वृद्धावस्था पेंशन और राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया था। लेकिन आज तक कोई भी कर्मचारी या अधिकारी फॉलोअप के लिए नहीं आया। योजना से लाभ नहीं मिला।”

स्थानीय जनप्रतिनिधि भी खिन्न 

योजना की सफलता की असल परीक्षा जमीनी स्तर पर होती है, लेकिन लातेहार में इसकी तस्वीर निराशाजनक है। कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।    दुरूप पंचायत  के  पूर्व पंचायत समिति धर्मेंद्र सिंह कहा

“फॉर्म भरवाने से योजना पूरी नहीं हो जाती। सरकार ने जनता को भ्रमित किया है। गांव-गांव में कैंप लगवाकर सिर्फ वोट बैंक के लिए आंकड़े जुटाए गए, लेकिन नतीजा शून्य है।”

क्या कहते हैं मणिका के पूर्व विधायक 

 इस मामले में  मणिका के पूर्व विधायक  हरे कृष्ण  सिंह ने कहा झारखंड में गठबंधन की सरकार जनता को ठगने का काम कर रही है और वोट बैंक बना रही है सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में ग्रामीणों के द्वारा भरे गए फॉर्म अधिकारियों ने अभी तक जांच नहीं की है।  शिविर के बाद कोई मॉनिटरिंग नहीं हुई, न ही लाभार्थियों की सूची अपडेट हुई।  कई पंचायतों में तो आज तक लाभार्थियों को यह तक नहीं बताया गया कि उनके आवेदन स्वीकृत हुए या नहीं।

केवल दिखावे तक सीमित ?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान अपने उद्देश्य से भटक चुका है। सरकार जहां इस कार्यक्रम को “सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण” के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत कर रही है, वहीं लातेहार में यह अभियान ग्रामीणों के लिए सिर्फ समय और उम्मीद की बर्बादी बन गया है।

जनता का भरोसा डगमगाया 

बार-बार ठगे जाने की भावना से लोगों में गुस्सा और निराशा बढ़ रही है। ग्रामीण अब सवाल पूछ रहे हैं कि क्या ‘सरकार आपके द्वार’ जैसे कार्यक्रम सिर्फ चुनावी लाभ लेने की रणनीति बनकर रह गए हैं?

रिपोर्टर : बब्लू खान 

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