बालूमाथ के गरीबों का मसीहा बना मुखिया नरेश लोहरा,हर सुख-दुख में बनते हैं ढाल

बालूमाथ :  बालूमाथ पंचायत के मुखिया नरेश लोहरा ने अपने कार्यकाल में गरीबों के लिए जो भरोसा और सहयोग का माहौल तैयार किया है, वह आज क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। 31 मई 2022 को बालूमाथ पंचायत के मुखिया के पदभार संभालने के बाद से लेकर अब तक (22 जून 2025), तक उन्होंने अपने कार्यों और व्यवहार से यह साबित किया है कि एक मुखिया भी आमजन के लिए मसीहा बन सकता है। पंचायत के विभिन्न टोला-मुहल्लों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, मुखिया नरेश लोहरा की सक्रियता देखने को मिलती है। वे न केवल लोगों से सीधे रूबरू होते हैं,बल्कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनकर मौके पर ही समाधान का भरोसा देते हैं। मुखिया लोहरा की पहल पर झारखंड सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चल रही है जिसे सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचाने कि काम किया है जिनमें अबुआ आवास,राशन कार्ड, अंबेडकर आवास,प्रधानमंत्री आवास योजना,विधवा पेंशन, 15 वे वित्त योजना, मनरेगा, मईया सम्मान योजना,बकरी पालन, मुर्गी पालन,गाय पालन जैसे कल्याणकारी योजनाएं प्रमुख हैं। इन योजनाओं का लाभ अब गांव के उन परिवारों को भी मिल रहा है,जो वर्षों से केवल कागजों में ही पात्र माने जाते थे। हाल ही में बालूमाथ क्षेत्र में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया था। बारिश के कारण दर्जनों कच्चे मकान धराशायी हो गए और कई घरों में पानी घुस गया। इस संकट के समय जब पीड़ितों को मदद की सबसे अधिक आवश्यकता थी,तब मुखिया नरेश लोहरा स्वयं मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि पहले योजनाएं केवल फॉर्म भरवाने और वादों तक सीमित रहती थीं, लेकिन नरेश लोहरा के आने के बाद अब उन्हें योजनाओं का वास्तविक लाभ मिलने लगा है। गांव में पेंशनधारी महिलाओं से लेकर आवास के लाभुकों तक सभी नरेश लोहरा की कार्यशैली की सराहना करते हैं। मुखिया नरेश लोहरा का यह समर्पण और जनसेवा का जज़्बा एक आदर्श स्थापित कर रहा है। उनके कार्यकाल के तीन वर्षों में बालूमाथ पंचायत ने जिस तरह से प्रगति की है,वह निश्चित रूप से झारखंड राज्य के अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

रिपोर्टर : मो० अरबाज 

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