सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया, अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता: अतुल कुमार सिंह

झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा 5 सितंबर को होगा मुख्यमंत्री आवास घेराव, 15 नवंबर को काला झंडा प्रदर्शन की चेतावनी
लातेहार- झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा की राज्य स्तरीय अहम बैठक रांची के मोरहाबादी मैदान में संपन्न हुई, जिसमें राज्य के सभी 24 जिलों के अध्यक्ष, सचिव, प्रखंड कमेटी के पदाधिकारी और करीब 500 सहायक अध्यापक-अध्यापिकाओं ने हिस्सा लिया। बैठक में सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी जाहिर की गई और आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई।
बैठक की अध्यक्षता संघर्ष मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य विनोद बिहारी महतो ने की, जबकि संचालन का कार्य विनोद तिवारी एवं संजय दुबे ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर लातेहार जिला अध्यक्ष अतुल कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सहायक अध्यापकों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया है, जिससे शिक्षकों में गहरी नाराजगी है और अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है।
सरकार के वादे अधूरे, आक्रोश बढ़ा
जिलाध्यक्ष अतुल सिंह ने बताया कि सरकार ने पहले वादा किया था कि सहायक अध्यापकों को समान काम का समान वेतन दिया जाएगा, लेकिन अब तक न तो वेतनमान मिला है और न ही सेवा शर्तों पर कोई ठोस निर्णय लिया गया है। इसके अलावा अनुकंपा पर नियुक्त सहायक अध्यापकों की सेवा निवृत्ति आयु को 65 वर्ष करने के फैसले पर भी कोई अमल नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और संघर्ष मोर्चा के बीच हुए समझौते की लगभग 90% मांगे आज भी अधूरी हैं। सरकार बार-बार शिक्षकों को आश्वासन देकर भ्रमित कर रही है और अब स्थिति यह आ गई है कि हजारों सहायक अध्यापकों को सर्टिफिकेट जांच के नाम पर सेवा से मुक्त करने की तैयारी की जा रही है, जो अन्यायपूर्ण और तानाशाही भरा फैसला है।
20 साल सेवा देने के बाद अब "अयोग्य"?
अतुल सिंह ने कहा कि जो सहायक अध्यापक बीते 15–20 वर्षों से सेवा दे रहे थे, उन्हें अब अचानक "अयोग्य" ठहराकर हटाया जा रहा है। अगर वे उस समय नियुक्ति के योग्य नहीं थे तो नियुक्त करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। यह एकतरफा निर्णय शिक्षकों के भविष्य के साथ क्रूर मज़ाक है।
19-20 जुलाई को सभी विधायकों को सौंपा जाएगा मांग पत्र
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि आगामी 19 एवं 20 जुलाई को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र से पहले सभी जिलों की कमेटियां स्थानीय विधायकों और मंत्रियों को संयुक्त रूप से मांग पत्र सौंपेंगी। इस मांग पत्र में वेतनमान, बर्खास्त शिक्षकों की वापसी, सेवा शर्तों की बहाली और अन्य मुद्दों को प्रमुखता से रखा जाएगा।
विधानसभा का घेराव और निर्णायक संघर्ष की चेतावनी
अतुल कुमार सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि यदि सरकार इन मांगों पर वार्ता नहीं करती और कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो आगामी विधानसभा सत्र के दौरान पूरे राज्य के सहायक अध्यापक विधानसभा का घेराव करेंगे। इसके बाद भी यदि सरकार अनदेखी करती है तो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा।
इतना ही नहीं, संघर्ष मोर्चा ने 15 नवंबर 2025 को रांची के मोरहाबादी मैदान में काला झंडा प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें सरकार के सभी कार्यक्रमों का विरोध किया जाएगा।
संगठन की एकजुटता
बैठक में पलामू प्रमंडल से संघर्ष मोर्चा के राज्य कमेटी सदस्य विनोद तिवारी, ऋषिकेश पाठक, सिंटू सिंह, बेलाल अहमद, लातेहार जिला अध्यक्ष अतुल कुमार सिंह, पलामू जिला अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, जितेंद्र दुबे, अनुज दुबे, जितेन्द्र सिंह, उमेश प्रसाद साहू, जगदीश प्रजापति समेत बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।
अतुल सिंह ने कहा कि लातेहार जिले के सभी प्रखंड अध्यक्षों को निर्देश दे दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में आंदोलन की तैयारी आज से शुरू कर दें ताकि आगामी कार्यक्रमों में पूरी ताकत और एकजुटता के साथ भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
सरकार द्वारा किए गए वादों की अनदेखी अब झारखंड के हजारों सहायक अध्यापकों के लिए असहनीय होती जा रही है। वेतनमान, सेवा सुरक्षा और समान अधिकार जैसे मूलभूत सवालों को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है। अब संघर्ष मोर्चा ने सरकार को सीधी चेतावनी दे दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो आने वाले समय में झारखंड में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा, जिसकी ज़िम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी।
संवाददाता - बब्लू खान
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