बस स्टैंड जमीन विवाद ने लिया नया मोड़, दुकानदारों और मो. आलम ने जताया प्रशासन पर रोष,

लातेहार - बरवाडीह बस स्टैंड परिसर में वर्षों से दुकान चला रहे दुकानदारों और निजी जमीन मालिक मो. आलम ने रविवार को प्रशासन द्वारा जबरन हटाए जाने और रास्ता निर्माण को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। व्यवसायिक समिति के अध्यक्ष दीपक राज के नेतृत्व में दुकानदारों का प्रतिनिधिमंडल मंगरा स्थित विधायक रामचंद्र सिंह के आवास पहुँचा, जहाँ उन्होंने अंचल अधिकारी द्वारा लगातार दिए जा रहे नोटिस और दबाव का विरोध किया। हालांकि विधायक रांची प्रवास पर थे, लेकिन प्रतिनिधिमंडल ने दूरभाष पर उनसे बात की और बताया कि छात्रावास के लिए पूर्व दिशा से जबरन रास्ता निकाला जा रहा है, जबकि पश्चिम दिशा में पहले से 15 फीट चौड़ा सुरक्षित मार्ग वर्षों से मौजूद है। इस पर विधायक ने आश्वस्त किया कि रास्ता उसी वैकल्पिक मार्ग से बनेगा और इस मुद्दे पर वरीय अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है। दुकानदारों ने आवेदन विधायक के पुत्र एवं युवा कांग्रेस के प्रदेश समन्वयक विजय बहादुर सिंह और विधायक प्रतिनिधि प्रेम सिंह उर्फ पिंटू को सौंपा। साथ ही बताया कि शनिवार को उपायुक्त और अनुमंडल पदाधिकारी को मेल के जरिए भी ज्ञापन भेजा जा चुका है।
मो. आलम ने जमीन पर जताया स्वामित्व
इस बीच इस विवाद में नया मोड़ तब आया, जब अहिरपुरवा गांव निवासी मो. आलम अंचल कार्यालय पहुँचे और दावा किया कि जिस जमीन से रास्ता निकालने की बात की जा रही है, वह उनकी निजी संपत्ति है। उन्होंने बताया कि पूर्व में उनकी 17 डिसमिल जमीन पर सरकारी विद्यालय बनाए जाने के बदले तत्कालीन प्रशिक्षु आईएएस अरुणीश चावला द्वारा राज्यपाल के नाम उन्हें बस स्टैंड परिसर में जमीन दी गई थी। उस समय उन्हें 3.5 डिसमिल जमीन दी गई, और आगे भी पूरा जमीन दिए जाने का आश्वासन दिया गया था। जिसपर वह स्वयं दुकान चलाते हैं और अन्य दुकानदारों को भी निःशुल्क स्थान दे रखा है।
अंचल अधिकारी ने दस्तावेज देखने से किया इनकार
मो. आलम का आरोप है कि वह अपने स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज लेकर अंचल कार्यालय पहुँचे, लेकिन अंचल अधिकारी ने दस्तावेज देखने तक से इनकार कर दिया और उन्हें लौटा दिया। इस दौरान कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष सह बीस सूत्री अध्यक्ष नसीम अंसारी भी वहाँ मौजूद थे। उन्होंने इसे जनता और छोटे व्यापारियों के साथ अन्याय करार दिया।
वैकल्पिक रास्ता क्यों नहीं? प्रशासन पर सवाल
अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष नसीम अंसारी ने सवाल उठाया कि जिस वैकल्पिक मार्ग से पहले छात्रावास की मरम्मती और चहारदीवारी निर्माण जैसे कार्य हुए, अब उसे बंद कर पूर्व दिशा से नया रास्ता निकालना क्यों ज़रूरी हो गया? उन्होंने कहा कि यह मामला जांच का विषय है और प्रशासन को किसी के साथ जबरदस्ती करने का हक नहीं है। पूरे मामले में दुकानदारों और मो. आलम ने उपायुक्त से हस्तक्षेप की मांग की है और कहा है कि जब तक वैकल्पिक दुकानों का निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक किसी को भी हटाया न जाए,
रिपोर्टर - बबलू खान
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