ऑफिस की मशीन वाली कॉफी बन सकती है दिल की दुश्मन, स्टडी में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

अगर आप भी ऑफिस पहुंचते ही मशीन से बनी कॉफी का कप थाम लेते हैं, तो सावधान हो जाइए। एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि मशीन वाली कॉफी आपकी सेहत, खासतौर पर दिल के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। तेजी से भागती जिंदगी में समय की कमी के चलते लोग घर की बजाय ऑफिस की मशीन वाली कॉफी पर निर्भर हो गए हैं, लेकिन यह आदत शरीर में 'बैड कोलेस्ट्रॉल' यानी एलडीएल के स्तर को बढ़ा सकती है।

भारत में चाय और कॉफी का क्रेज किसी से छुपा नहीं है, लेकिन सेहतमंद रहने के लिए यह जरूरी है कि आप इनका सेवन सही तरीके और सीमित मात्रा में करें। घर पर बनी फिल्टर कॉफी फायदेमंद हो सकती है, लेकिन मशीन में बनी कॉफी में कुछ ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

जर्नल Nutrition, Metabolism and Cardiovascular Diseases में प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया है कि मशीन से बनी कॉफी में कैफेस्टोल और काहवेओल जैसे यौगिक पाए जाते हैं, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकते हैं। स्टडी में स्वीडन के चार ऑफिसों की 14 कॉफी मशीनों का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि जिन मशीनों में सही तरीके से फिल्टरिंग नहीं होती, वहां यह खतरा और भी बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने तीन तरह की मशीनों का जिक्र किया — मेटल फिल्टर वाली ब्रूइंग मशीन, लिक्विड-कॉन्संट्रेट कॉफी मशीन और फ्रीज-ड्राई कॉफी वाली इंस्टेंट मशीन। इनमें सबसे अधिक नुकसानदेह वे मशीनें रहीं, जो बिना पेपर फिल्टर के कॉफी बनाती हैं।

विशेषज्ञों की सलाह है कि अगर हफ्ते में सिर्फ तीन कप भी मशीन वाली कॉफी की बजाय पेपर फिल्टर से बनी कॉफी पी जाए तो बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। जो लोग फिजिकली कम एक्टिव हैं, उनके लिए यह खतरा और भी ज्यादा है। ऐसे में बेहतर होगा कि ऑफिस में हेल्दी ऑप्शन चुने जाएं — जैसे घर से लाई गई फिल्टर कॉफी या हर्बल टी।

तो अगली बार जब आप ऑफिस की मशीन वाली कॉफी का कप उठाएं, तो एक बार सोच लें — कहीं यह आदत दिल पर भारी तो नहीं पड़ रही?

 

 

 

 

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