मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ छोटी कहानियां

 

ख्वाहिश नहीं मुझे, मशहूर होने की,

आप मुझे पहचानते हो, बस इतना ही काफी है।

अच्छे ने अच्छा और, बुरे ने बुरा जाना मुझे,

जिसकी जितनी जरूरत थी, उसने उतना ही पहचाना मुझे!

ये खूबसूरत पंक्तियाँ भारत के उपन्यास सम्राट धनपत राय श्रीवास्तव ने लिखी हैं। शायद आप इस महान शख्सियत को मुंशी प्रेमचंद के नाम से जानते हैं। ये नाम उन खास लोगों में गिने जाते हैं, जिनका जीवन गरीबी और संघर्ष से भरा हुआ था, जिससे निकल कर उन्होनें अपने नाम को अपने काम से पहचान दी.  जिसके बाद उनका ये नाम सुनहरे अक्षरों में इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। 

खड़ी हिंदी में उपन्यास लिखने वाले मुंशी प्रेमचंद ने पहले उर्दू भाषा में उपन्यास लिखे थे, क्यूंकि उनकी शुरुवाती पढ़ाई उर्दू में हुई थी. अपनी लिखावट उन्होंने हमेशा साधी और सरल ही रखी। उन्हें मुहावरों के साथ लिखना पसंद था। मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ  4 तरह की शैलियाँ दर्शाती है। वर्णनात्मक, व्यंगतमक, विवेचनात्मक और भावात्मक शैली। उनकी एक से बढ़ कर एक लिखी हुई कहानियों से हर कोई वाकिफ़ होगा लेकिन शायद की उनके द्वारा लिखी हुई  सबसे छोटी  कहानियों को जानता होगा. आज के इस लेख में हम आपको उन्हीं छोटी कहीनियों से रूबरू कराएंगे.   

मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां. 

1. चूड़ियाँ 

ये एक महिला की दुखद कहानी, जो अपनी शादी की चूड़ियाँ पहनने जैसी साधारण को इच्छा को मार कर अपने पति की गरीबी में उसका साथ निभाती है। और उसका पति उसकी इस छोटी सी इच्छा का भी मान नहीं रख पाता।

2. गुड़िया मुंशी प्रेमचंद की छोटी कहानियाँ में इस कहानी को भी बहुत  पसंद किया जाता है। एक प्यारी और गरीब लड़की की कहानी, जो एक टूटी फूटी गुड़िया में खुशी ढूंढ लेती है और संतुष्ट रहती है।

3. खुदा की सौगात – एक गरीब आदमी और उसकी पत्नी की कहानी है जिन्हें ऊपरवाले पर अपार श्रद्धा है। एक दिन पति को तोहफे में कुछ रुपए मिलते है जिसे अपनी जरूरत पर खरच करने की जगह वो जरूरतमंदों में बाँट देता है।   

4. प्रीत का पैगाम – प्रेम और सामाजिक कट्टरता की कहानी, जिसमें प्रेम की सच्चाई को उजागर किया गया है।

5. यह भी नशा, वह भी नशा– ये कहानी है एक इंसान जो नशे की लत में पड़ जाता है। उसे लगता है की शराब उसकी परेशानी को सुलझा देगी लेकिन अब वही उसकी सबसे बड़ी परेशानी बन जाती है।

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