कुछ इस अंदाज़ में करते हैं 'वीरेन डंगवाल' फ़रवरी का स्वागत , पढ़िए-

वीरेन डंगवाल का पहला कविता संग्रह 'इसी दुनिया में' को रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार और श्रीकान्त वर्मा स्मृति पुरस्कार मिला.  वीरेन डंगवाल साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हिंदी कवि थे. आईये पढ़ते हैं उनकी  सर्वेष्ठ रचनाओं में से एक कविता 'फ़रवरी का स्वागत' 

आओ हे फ़रवरी!
पोते जा रहे तुम्हारे लिए

कंपनी बाग़ के रेलिंग
खिल रहे दनादन फूल

खुल गया, वहाँ भी, तुम्हारे लिए
मुग़ल गार्डन का द्वार

लेकिन आओ-आओ
घुटनों चलती हमारी बेटी

पहले हमारे पास आओ।
पंख दो हवा को मुलायम-मुलायम

छतरी की तान दो गुलाबों को
तनिक जंगलों का सुशीतल भीनापन

दे दो धूप को भी ज़रा
नए वर्ष की आँच

मेरे आलसी अँधेरे में भी चमको थोड़ा
एक झकझक किरण।

समय अंतहीन है महाराजदीन
और विपुला है हमारी पृथ्वी।

 

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