आगे बढ़ने और हार नहीं मानने की प्रेरणा देती- 'गीत नया गाता हूं'

'गीत नया गाता हूं', 'मौत से ठन गई' और 'कदम मिलाकर चलना होगा' अटल बिहारी वाजपेयी की ऐसी कविताएं हैं जो इंसान को जीवन में हार नहीं मानने की सलाह देती हैं। अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता के तौर पर जितने सराहे गए हैं, उतना ही प्यार उनकी कविताओं को भी मिला है। वाजपेयी की कविताएं हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ने और हार नहीं मानने की प्रेरणा देती हैं। आईये पढ़ते हैं उनके द्वारा लिखी हुई प्रेणादायक कविताओं में से एक 'गीत नया गाता हूं', कविता-  

टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर

झरे सब पीले पात, कोयल की कुहुक रात
प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूँ

गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी

अंतर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा

काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ

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