हसरत जयपुरी: इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की निय्यत ठीक नहीं

दुनिया बनाने वाले, तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, बदन पे सितारे लपेटे हुए, ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर, जैसे कई गाने लिखने वाले गीतकार हसरत जयपुरी का असली नाम इकबाल हुसैन था। हसरत जयपुरी बचपन से शेरो-शायरी करते थे। मां को यह सब पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने हसरत को घर से निकाल दिया। हसरत फेमस म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक के मामा थे। एक बार अनु मलिक ने बातों-बातों में कह दिया था कि मामा अब तुम बूढ़े हो गए हो, गाना नहीं लिख सकते। हसरत को यह बात लग गई। उन्होंने कुछ ही दिन बाद फिल्म राम तेरी गंगा मैली का फेमस गाना ‘सुन साहिबा सुन’ लिख दिया। हसरत जयपुरी ने लंबे समय तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया। उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों के लिए लगभग 2000 गीत लिखे। आईये पढ़ते हैं, हसरत जयपुरी द्वारा लिखी हुई ग़ज़ल 'इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की निय्यत ठीक नहीं'
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की निय्यत ठीक नहीं
निकला न करो तुम सज-धज कर ईमान की निय्यत ठीक नहीं
ये दिल है बड़ा ही दीवाना छेड़ा न करो इस पागल को
तुम से न शरारत कर बैठे नादान की निय्यत ठीक नहीं
काँधे से हटा लो सर अपना ये प्यार मोहब्बत रहने दो
कश्ती को सँभालो मौजों में तूफ़ान की निय्यत ठीक नहीं
मैं कैसे ख़ुदा-हाफ़िज़ कह दूँ मुझ को तो किसी का यक़ीन नहीं
छुप जाओ हमारी आँखों में भगवान की निय्यत ठीक नहीं
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