MOTHER'S DAY: माँ वो पहली आवाज़ है जिसे हम बिना बोले समझते हैं

"माँ क्या होती है?" ये सवाल जितना सीधा दिखता है, उतना ही गहराई से भरा हुआ है।
माँ को समझना शब्दों से नहीं, सिर्फ़ दिल से ही मुमकिन है। यहाँ एक भावनात्मक और सच्चे जज़्बातों से भरी पंक्तियाँ पेश हैं — जो इस सवाल का जवाब देती हैं. पेश है माँ के लिए मदर्स डे पर एक खास और भावनात्मक कविता, जो इस दिन की गरिमा और माँ के प्यार को खूबसूरती से बयां करती है:
माँ क्या है?
माँ… एक शब्द नहीं, एक पूरी दुनिया है।
माँ वो पहली आवाज़ है जिसे हम बिना बोले समझते हैं।
वो हाथ है जो सिर पर रखते ही सारा डर मिटा देता है।
वो दिल है जो हमारी हर धड़कन को महसूस करता है,
चाहे हम हज़ारों मील दूर क्यों न हों।
माँ वो रोशनी है जो अंधेरे में भी रास्ता दिखाती है,
वो दुआ है जो बिना बोले भी असर कर जाती है।
माँ कभी थकती नहीं,
कभी शिकायत नहीं करती,
बस चुपचाप सब सहती रहती है — सिर्फ़ हमारे लिए।
माँ की ममता में ईश्वर बसता है,
उसका प्यार बिना शर्त, बिना स्वार्थ के होता है।
अगर इस दुनिया में कोई सच्चा भगवान है —
तो वो माँ के रूप में ही है।
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