BUDDHA PURNIMA SPECIAL: लघु कथा: "गौतम बुद्ध और क्रोधित व्यक्ति"

एक बार की बात है। गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव में प्रवचन देने पहुँचे। वहां एक व्यक्ति बुद्ध से बहुत नाराज़ था। उसने आकर उन्हें बुरा-भला कहा, अपशब्द बोले, और उनके ऊपर क्रोध जताया।
बुद्ध शांतिपूर्वक उसे सुनते रहे। उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जब वह व्यक्ति बोल-बोलकर थक गया, तो बुद्ध मुस्कुराए और बोले:
"यदि कोई व्यक्ति किसी को कोई वस्तु भेंट करता है, और वह दूसरा व्यक्ति उसे स्वीकार न करे, तो वह वस्तु किसके पास रह जाती है?"
वह व्यक्ति बोला, "स्वाभाविक है, वह वस्तु उसी के पास रह जाती है जिसने उसे दिया है।"
बुद्ध ने उत्तर दिया, "ठीक वैसे ही, तुमने मुझे क्रोध और अपशब्द दिए, पर मैंने उन्हें स्वीकार नहीं किया। तो यह सब अब भी तुम्हारे पास है।"
यह सुनकर वह व्यक्ति शर्मिंदा हो गया और बुद्ध के चरणों में गिर पड़ा।
सीख:
क्रोध का उत्तर क्रोध नहीं, शांति और सहनशीलता से देना चाहिए। इससे दूसरों को भी परिवर्तन का अवसर मिलता है।
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