इब्राहीम की कुर्बानी की है यह अमर कहानी: बकरीद का त्योहार

ईमान की रौशनी से जगमगाए दिलों का संसार,
त्याग और भक्ति से होता है बकरीद का त्यौहार।
इब्राहीम की कुर्बानी की है यह अमर कहानी,
जिसमें है विश्वास, समर्पण और इंसानियत की रवानी।
नफ़रतों को छोड़कर मोहब्बत की बात हो,
हर दिल में बस प्यार हो, हर चेहरे पर ज़ात हो।
जानवर की कुर्बानी सिर्फ़ रस्म नहीं है,
ये तो सब्र और शुक्र की असल परख है कहीं।
जरूरतमंदों को बांटो खुशी का हर एक निवाला,
यही है ईद-उल-अज़हा का सबसे बड़ा उजाला।
मस्जिदों में सजे सजदे, घरों में हो रौनकें,
ईद का चाँद लाया है फिर अमन की झलकें।
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