लघु कथा : सच्ची दौलत

एक बार एक अमीर आदमी अपने बेटे को गाँव ले गया ताकि वह गरीबों की ज़िंदगी देख सके।
वह चाहता था कि उसका बेटा समझे कि उनके पास कितना सब कुछ है।
गाँव में उन्होंने एक किसान के घर में एक रात बिताई।
वापस लौटते समय अमीर आदमी ने पूछा,
"बेटा, कैसा लगा तुम्हें गाँव का अनुभव?"
बेटे ने जवाब दिया,
"बहुत अच्छा, पिताजी! अब मुझे समझ आया कि हमारे पास कितना कम है।"
"कम?" पिता ने हैरानी से पूछा।
बेटे ने कहा:
"हमारे पास एक कुत्ता है, उनके पास चार हैं।
हमारे पास एक छोटा सा बगीचा है, उनके पास खुले खेत हैं।
हमारे पास बिजली के बल्ब हैं, उनके पास तारों से रोशन रातें।
हम खाना खरीदते हैं, वे खाना उगाते हैं।
हमारे पास दीवारें हैं जो हमें लोगों से दूर रखती हैं, उनके पास दोस्त हैं जो उनके साथ रहते हैं।"
पिता स्तब्ध रह गया।
बेटे ने मुस्कुराते हुए कहा,
"पिताजी, धन्यवाद! आपने मुझे दिखाया कि वास्तव में गरीब कौन है।"
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