11 जून केवल तारीख नहीं, बल्कि क्रांति और कविता दोनों की जन्मतिथि है

आज 11 जून भारतीय साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन दो महान व्यक्तित्वों का जन्म हुआ, राम प्रसाद 'बिस्मिल' और नागार्जुन (वैद्यनाथ मिश्र) जिनका देश और समाज के प्रति योगदान अविस्मरणीय है:

राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' का जन्म 11 जून 1897 को हुआ था. राम प्रसाद बिस्मिल एक क्रांतिकारी, कवि और लेखक थे। वे काकोरी कांड (1925) के प्रमुख योजनाकारों में से एक थे, जिसे ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ एक साहसी कदम माना जाता है। उन्होंने ‘बिस्मिल’ उपनाम से देशभक्ति से ओत-प्रोत कविताएँ लिखीं।
उनकी प्रसिद्ध कविता:

"सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है..."
यह आज़ादी के दीवानों की आवाज़ बन गई।

राम प्रसाद 'बिस्मिल को19 दिसंबर 1927 को उन्हें गोरखपुर जेल में फांसी दी गई।

नागार्जुन(वैद्यनाथ मिश्र)

नागार्जुन यानी (वैद्यनाथ मिश्र) का जन्म  11 जून 1911को हुआ था. नागार्जुन हिन्दी और मैथिली भाषा के प्रख्यात कवि, उपन्यासकार, आलोचक और पत्रकार थे। वे "यात्री" नाम से भी लेखन करते थे। वे जनकवि माने जाते हैं — यानी उन्होंने आम लोगों के संघर्ष, पीड़ा और विद्रोह की आवाज़ को अपनी कविता में स्थान दिया।उनकी रचनाएँ व्यंग्य, करुणा और प्रतिरोध से भरी हुई होती थीं। उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ:

  • बलचनमा (उपन्यास)
  • रतिनाथ की चाची
  • पुरानी जूतियों का कोरस (कविता संग्रह)

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व
11 जून केवल एक तारीख नहीं, यह क्रांति और कविता दोनों की जन्मतिथि है —
जहां एक ओर राम प्रसाद बिस्मिल ने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण दिए, वहीं नागार्जुन ने शब्दों से व्यवस्था को चुनौती दी।

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