लघु कथा: ईमानदारी का पुरस्कार

गर्मी की छुट्टियों में अजय अपने गाँव गया था। गाँव की पगडंडी पर चलते समय उसे एक पुराना बटुआ मिला। बटुए में कुछ पैसे और पहचान पत्र था। अजय ने तुरंत गाँव के सरपंच के पास जाकर बटुआ सौंप दिया।
सरपंच ने बटुए के मालिक को बुलवाया। वह बूढ़ा किसान बहुत परेशान था क्योंकि उसमें उसकी जीवनभर की जमापूंजी थी। जब उसे बटुआ वापस मिला, तो उसकी आँखों में आँसू आ गए।
किसान ने अजय को इनाम देना चाहा, लेकिन अजय ने मुस्कुराते हुए कहा,
"ईमानदारी का अपना ही एक इनाम है।"
सारा गाँव अजय की ईमानदारी की प्रशंसा करने लगा। अजय ने सबको सिखा दिया कि अच्छे कर्म का फल सबसे बड़ा होता है।
संदेश:
ईमानदारी सबसे बड़ा गुण है। सच्चाई और ईमानदारी से जीवन में सम्मान और संतोष मिलता है
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