"फ्रांज काफ्का: अस्तित्व की उलझनों का साहित्यिक दार्शनिक"

फ्रांज काफ्का का जन्म 3 जुलाई 1883 को प्राग में हुआ था। फ्रांज 20वीं शताब्दी के सबसे प्रभावशाली लेखकों में से एक माने जाते हैं। उनके लेखन में असुरक्षा, अस्तित्वगत बेचैनी, और ब्यूरोक्रेसी की अमानवीयता जैसे गहरे विषय उभरते हैं। उन्होनें कई प्रमुख रचनाएं की, उनकी जन्मतिथि नीचे पेश है उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ - 

The Metamorphosis (1915) –
यह एक व्यक्ति, ग्रेगर साम्सा, की कहानी है जो एक सुबह जागता है तो पाता है कि वह एक विशाल कीट में बदल गया है। यह उपन्यास अलगाव, आत्म-पहचान और परिवारिक दबाव जैसे विषयों पर प्रकाश डालता है।

The Trial (Der Prozess) –
इसमें नायक जोज़ेफ़ के. को बिना किसी स्पष्ट कारण के गिरफ्तार कर लिया जाता है और वह पूरी कहानी में न्याय पाने के लिए संघर्ष करता है। यह न्याय व्यवस्था की अबूझ जटिलताओं और व्यक्ति की लाचारगी को दर्शाता है।

The Castle (Das Schloss) –
यह कहानी एक व्यक्ति की है जो एक रहस्यमयी किले तक पहुंचने की कोशिश करता है, लेकिन हर बार कोई बाधा आ जाती है। यह उपन्यास मानव अस्तित्व और नौकरशाही के बीच तनाव को दर्शाता है।

उनकी कहानियाँ अक्सर स्वप्न जैसे माहौल में घटती हैं, जहां तर्क और नियम धुंधले हो जाते हैं।"काफ्केस्क" एक विशेषण बन गया है, जिसका उपयोग उन स्थितियों को वर्णित करने के लिए किया जाता है जो अतार्किक, भयावह और दमनकारी होती हैं।

उन्होंने आधुनिक साहित्य पर गहरा प्रभाव डाला है, खासकर अस्तित्ववाद और आधुनिकतावाद के क्षेत्रों में। हालाँकि उनके ज़्यादातर काम अधूरे और मरणोपरांत प्रकाशित हुए, फिर भी उन्होंने साहित्य जगत में अपनीअमिट छाप छोड़ी। उनके मित्र मैक्स ब्रॉड ने उनकी रचनाओं को संरक्षित किया और प्रकाशित किया, जबकि काफ्का ने मृत्यु से पहले उन्हें नष्ट करने की इच्छा जताई थी।

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