GURU PURNIMA SPECIAL: गुरु हैं दीपक ज्ञान का,अंधेरे में उजियारा है..

गुरु हैं दीपक ज्ञान का,
अंधेरे में उजियारा है।
पथभ्रष्ट जब हो जाए मन,
तो उनका ही सहारा है।
शब्दों से जो ज्ञान दें,
संस्कारों की खान हैं।
जीवन में जो राह दिखाएं,
ऐसे मेरे भगवान हैं।
नम्रता से शीश झुकाकर,
करता हूँ नमन बारम्बार।
गुरु बिना जीवन अधूरा,
उनसे ही सब साकार।
गुरु की मूरत मन में बसी,
उनकी वाणी अमृत बनी।
सच की राह जो दिखलाएं,
वो ही असली साधु-गुरु मनी।
गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन,
आओ मिलकर करें प्रणाम।
उनके चरणों में अर्पित हो,
हमारा जीवन, हमारा काम।
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