लघु कथा: "आईना"

राहुल हर समय दूसरों की कमियाँ निकालता रहता था। कभी किसी के कपड़ों पर टिप्पणी करता, तो कभी किसी की बोली पर हँसता।

एक दिन उसके दादा जी ने उसे एक सुंदर सा आईना उपहार में दिया।

राहुल ने पूछा, "दादा जी, ये क्यों?"

दादा जी मुस्कराए और बोले, "इसमें हर दिन खुद को देखो। जब तुम्हें दूसरों की कमियाँ दिखाई दें, तो पहले खुद को देखना सीखो। हो सकता है कि जो कमी तुममें है, वही तुम दूसरों में देख रहे हो।"

उस दिन के बाद राहुल कम बोलने और ज्यादा सोचने लगा।

सीख: दूसरों में दोष देखने से पहले, हमें खुद में झाँकना चाहिए।

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