RAKSHA BANDHAN 2025:"रक्षाबंधन : प्यार की डोरी"

"रक्षाबंधन" केवल एक धागा नहीं, यह प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का बंधन है।भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की मिठास को सजोता यह पर्व, हमें सिखाता है-निस्वार्थ प्रेम, समर्पण और साथ निभाने का वचन।हर साल जब बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं,तो यह केवल परंपरा नहीं होती, बल्कि एक भावनाओं की डोर होती है,जो जीवनभर साथ निभाने का संकल्प बन जाती है।

आइए, इन्हीं भावनाओं को शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत है— केवल एक धागा नहीं, यह प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का बंधन है।भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की मिठास को सजोता यह पर्व, हमें सिखाता है-निस्वार्थ प्रेम, समर्पण और साथ निभाने का वचन।हर साल जब बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं,तो यह केवल परंपरा नहीं होती, बल्कि एक भावनाओं की डोर होती है,जो जीवनभर साथ निभाने का संकल्प बन जाती है।आइए, इन्हीं भावनाओं को शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत है—

"रक्षाबंधन पर एक कविता"।"

रक्षाबंधन का त्योहार प्यारा,
भाई-बहन का स्नेह दुबारा।
राखी बाँधें बहनें हँसकर,
भाई करें वचन को प्रखर।

नन्ही कलाई में डोरी सजी,
स्नेह-सूत्र में दुनिया बसी।
भाई कहे "मैं रक्षा करूँगा",
हर आँचल में खुशियाँ भरूँगा।

मीठे लड्डू, हर्ष अपार,
मन में बसा यह अनुपम त्यौहार।
छोटे-छोटे उपहारों में,
छिपा बहन का प्यार घनेरा।

रिश्तों की यह मधुर कहानी,
सदियों से है चलती जानी।
रक्षाबंधन है प्रेम निशानी,
भाई-बहन की बंधी कहानी।

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