रक्षाबंधन पर भाई-बहन के प्रेम और रिश्ते को समर्पित भावपूर्ण कविताएं

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पावन पर्व है, जो भाई-बहन के रिश्ते की मिठास, प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह दिन केवल राखी बांधने का नहीं, बल्कि उन अनकहे जज्बातों को महसूस करने का है, जो इस अटूट रिश्ते को खास बनाते हैं। बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुखद जीवन की कामना करती है, वहीं भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। 

इस पवित्र अवसर पर शब्द भी रिश्तों की डोर बन जाते हैं। प्रस्तुत हैं कुछ कविताएं, जो रक्षाबंधन के इस अनमोल बंधन की खूबसूरती को और भी करीब से महसूस कराती हैं।

पेश हैं रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाई-बहन के प्रेम और अटूट रिश्ते को दर्शाने वाली कुछ कविताएं प्रस्तुत हैं:

1. (भाई-बहन का प्यार)
राखी का त्योहार आया, देखो प्यारा प्यारा.
सुंदर सुंदर राखी से सजी हैं दुकानें, खरीदने जो आई है राखी अपनी बहनें.
भाई-बहन का प्यार है अनमोल, जो न सस्ता है, न कभी पुराना होता है.
राखी बांधकर बहन ने दी दुआ, भाई ने दिया वचन उसकी रक्षा का.

2. (बहन की राखी)
राखी आयी खुशियां लायी, बहन आज फूलें न समाई.
रखी, रोली और मिठाई इन सबसे थाली खूब सजाई.
बांधे भाई के कलाई पे धागा, भाई से लेती है वादा.
राखी की लाज भैया निभाना, बहन को कभी भूल न जाना.

3. (भाई का वचन)
भाई देता बहन को वचन, दुःख उसके सब कर लेगा हरन.
भाई-बहन का प्यार है त्यौहार, राखी का न्यारा है.
चाहे वक्त कैसे भी बदले, हमारा साथ और प्यार हमेशा यूं ही बना रहेगा.

4. (प्रेम का धागा)
राखी की डोरी सिर्फ कलाई पर बंधती नहीं, बल्कि दिलों के तारों को जोड़ती है.
जो उम्र भर टूटते नहीं बल्कि हर दिन और मजबूत होते जाते हैं.
रक्षाबंधन हमें ये सिखाता है कि रिश्ते सिर्फ नजदीकी से नहीं, बल्कि दिल के जुड़ाव से बनते हैं.

5. (सुरक्षा का वचन)
है ये कच्चे धागों का बंधन, राखी है यारों की पहचान.
भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है राखी, बहन के रक्षा के वादों की राखी.
लंबी हो सबसे उम्र तुम्हारी, इस कामना से सजा के यह थाली.
माथे पर तिलक लगाकर बहना, भाई संग खुशियां मनाती है.

यह कविताएं भाई-बहन के रिश्ते की गहराई, प्रेम और रक्षा के वचन को दर्शाती हैं, जो इस पावन त्योहार का मूल है.

 

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