DHANTERAS 2025 : धनतेरस की रौशनी

"धनतेरस की रोशनी में घर-आँगन जगमगाए, खुशियों की सौगात लेकर आए। आइए इस धनतेरस मनाएँ माँ लक्ष्मी की कृपा और सुख-समृद्धि के संग। धनतेरस के शुभ दिन पर पेश है कविता- "धनतेरस की रौशनी" 

धनतेरस आई, खुशियाँ लहराईं,
सुनहरी रात में दीपों ने मुस्कुराईं।
सुनहरी चूड़ियाँ, सोने की रेखाएँ,
हर कोने में गूँज उठी हैं प्रीत की कहानियाँ।

हाथों में थामा माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद,
सपनों में संजोए हमने सुख की बात।
चमकते बर्तन, धन की वर्षा,
पर दिल में बसी है माँ की प्यारी दृष्टि का हर्षा।

रात की ठंडी हवा में भी गर्मी थी,
उस उम्मीद की, जो हर घर में झलकी।
धनतेरस का त्यौहार केवल धन नहीं,
ये है प्रेम, विश्वास और सुख की असली छवि।

आओ मनाएँ मिलकर ये पर्व,
सजी रहे हर घर, हर द्वार, हर पर्व।
धन, स्वास्थ्य और प्रेम का हो संगम,
धनतेरस की रात में हर दिल हो मग्न।

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