BHAI DOOJ 2025: “भाई दूज: भाई-बहन के अटूट प्यार की कथा”

बहुत समय पहले की बात है। यमराज, जो मृत्यु के देवता हैं, एक दिन अपनी प्यारी बहन यमुनाजी के घर आने लगे। यमुनाजी ने भाई का स्वागत बड़े प्रेम और आदर के साथ किया। घर को फूलों और रंगोली से सजाया, मिठाइयाँ तैयार कीं और सबसे खास बात, उन्होंने भाई के लिए अपने हाथों से स्वादिष्ट भोजन बनाया।
यमराज यह सब देखकर बहुत खुश हुए। यमुनाजी ने भाई के माथे पर तिलक लगाया और कहा, “भाई, मैं तुम्हारी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हूँ।” यमराज ने बहन की यह स्नेहपूर्ण सेवा देखकर वचन दिया कि जो बहन भाई दूज के दिन अपने भाई का तिलक करेगी और उसकी रक्षा और सुख की कामना करेगी, उसके भाई हमेशा सुरक्षित और सुखी रहेंगे।
तब से, भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्यार और स्नेह का प्रतीक बन गया। हर साल बहन अपने भाई को तिलक करती है, मिठाइयाँ खिलाती है और उसके लिए शुभकामनाएँ देती है। भाई भी अपनी बहन का सम्मान करता है और उसके सुख की कामना करता है। इस दिन दोनों का रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है, और यह त्योहार घर-घर में खुशियों की बहार लाता है।
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