कविता :दिसंबर की ठंड- दिसंबर आया, लाया ठंडी की सौगात

दिसंबर का महीना सर्दियों का संदेश लाता है। यह ठंडी हवाओं, धुंधली सुबह और लंबी रातों का महीना है। इस महीने में प्रकृति अपने कोमल रूप में दिखाई देती है और हर ओर शांति और सुकून का अनुभव होता है। इस कविता में दिसंबर की ठंड, उसकी नमी और सर्द हवाओं के बीच जीवन की मधुरता को महसूस किया गया है। आईये पढ़ते हैं कविता-"दिसंबर की ठंड"

दिसंबर आया, लाया ठंडी की सौगात,
सफेद कुहासे में ढकी हर बात।
सूरज भी धीरे-धीरे आता,
सर्द हवाओं में सबको थिरकता।

पत्ते झड़ते हैं धीरे-धीरे,
पेड़ों की शाखों पे बस यादें ही घेरें।
कंबल ओढ़ के बैठें घर की छाया में,
चाय की प्याली में घुलती सर्दी की माया में।

रातें लंबी और चाँदनी मधुर,
तारों की चमक में नहाए शहर।
सर्दी में खिलती है एक नई दुनिया,
जहाँ मन को भी मिलती है ठंडी सुकून की छाया।

हवाओं में खुशबू है मिट्टी और धूप की,
हर साँस में है ठंडी और मीठी ख्वाहिश की।
दिसंबर की ठंड, अपने संग लाती है प्यार,
सर्दियों की चुप्पी में सुनाई देती है हर दिल की पुकार।

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