अकबर और बीरबल की कहानी: बीरबल की बुद्धिमानी

एक दिन बादशाह अकबर ने दरबार में प्रश्न किया,

“बताओ, इस राज्य में सबसे बुद्धिमान कौन है?”

कुछ दरबारी बोले, “जहाँपनाह, आप ही सबसे बुद्धिमान हैं।”
बीरबल चुपचाप मुस्कुरा रहे थे।

अकबर ने बीरबल से पूछा,
“बीरबल, तुम कुछ नहीं कह रहे?”

बीरबल बोले,
“जहाँपनाह, बुद्धिमानी बोलने में नहीं, सही समय पर सही काम करने में होती है।”

अकबर ने बीरबल की परीक्षा लेने के लिए कहा,
“ठीक है, यह बताओ कि बिना बोले अपनी बुद्धिमानी कैसे दिखा सकते हो?”

बीरबल ने ज़मीन पर एक सीधी रेखा खींची और उसके पास एक छोटी रेखा बना दी।
फिर उन्होंने पहली रेखा को बिना छुए, दूसरी रेखा को लंबा कर दिया।

अकबर समझ गए—बीरबल ने साबित कर दिया कि किसी को छोटा किए बिना स्वयं को बड़ा बनाया जा सकता है।

अकबर हँस पड़े और बोले,
“बीरबल, सचमुच तुम सबसे बुद्धिमान हो!”

सीख: दूसरों को नीचा दिखाए बिना भी महान बना जा सकता है।

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.