सत्र शुरू होने के साथ अब होगा चुनौतियों से सामना

संसदीय चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं और इस बार जनता जनर्दान ने जनादेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को मजबूती दी है। कह सकते हैं कि इस बार अब केंद्र सरकार को समझकर और संभलकर शासन चलाना होगा। परिणाम आने के बाद देश के 18वीं लोकसभा का पहला सत्र भी शुरू हो गया है।सबसे पहले सदन में राष्ट्रगान हुआ उसके बाद पिछले सदन के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही 18 लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो गयी। लोकसभा के सभी सदस्यों द्वारा सांसद के रूप में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम के तहत सबसे पहले पीएम मोदी ने लोकसभा सदस्य की शपथ ली। मोदी के बाद उनकी कैबिनेट के लोकसभा सांसदों ने सांसद के रूप में शपथ ली।

संसद में आज और कल नए सदस्य सांसद के रूप में शपथ लेंगे। इससे पहले भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को सोमवार सुबह देश की महामहिम  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। 

आज 18 बीं लोकसभा का प्रथम सत्र शरू होने से पहले ही प्रधानमत्री संसद पहुंच गए थे। वहां पहुँचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला सत्र शुरू होने से पहले अपने भाषण में आपातकाल का जिक्र किया।  उन्होंने कहा कि 25 जून को आपातकाल के 50 साल पूरे हो रहे हैं और देशवासी संकल्‍प लेंगे क‍ि भारत में अब कोई ऐसी ह‍िम्‍मत नहीं करेगा जैसी 50 साल पहले की गई थी। आज देश चलाने के लिए सबकी सहमति जरूरी है। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। देश को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है और विपक्ष को केवल हमलावर होने की जगह अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह भी करना होगा।  

पर विपक्ष भी आज लोकसभा सत्र में पूरी तैयारी के साथ आया था। जैसे ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम शपथ के लिए बुलाया गया तो विपक्ष ने नीट नीट शेम-शेम के नारे लगाने शुरू कर दिए। आपको बता दें कि विपक्ष नीट और नेट पेपर धांधली को लेकर पहले ही उनके इस्तीफे की मांग कर चुका है।

उधर अगर बात हम राज्यसभा यानि उच्च सदन की करें तो बीजेपी द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गुजरात से राज्यसभा सांसद जगत प्रकाश नड्ढा को  राज्यसभा में पीयूष गोयल की जगह नेता सदन बनाया गया है। 

आपको बता दें कि मोदी 3. 0  कार्यकाल में जे पी नड्डा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार के साथ साथ रसायन और उर्वरक मंत्रालय भी सौंपा गया था. 

केंद्र सरकार के मंत्रियों की शपथग्रहण के बाद से ही ऐसी अटकलें थीं कि जेपी नड्डा बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे और इसके लिए अनुराग ठाकुर का नाम चर्चा में आया था क्योंकि पिछली सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर काम करने वाले युवा नेता अनुराग ठाकुर को इस बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। हालाँकि इस पर भाजपा की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया है और ऐसा लगता है कि जे पी नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी बने रहेंगे.

क्योंकि भाजपा के पार्टी कानूनों के अनुसार सभी राज्यों के 50 फीसदी में संगठन चुनाव पूरा होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है, जो लगभग छह महीने तक चलने की संभावना की पूरी पूरी संभावना है।  

खैर विषय जो भी रहा हो पर देश का लोकतंत्र जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है वहां इस बार कुछ अलग ही देखने को मिलेगा क्योंकि इस बार जनता ने जो भी जनादेश इस बार दिया है वह अपने आप में अलग है इस बार सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए समान मौके हैं सत्त्ता पक्ष बेहतर करके डैमेज कण्ट्रोल कर सकता है तो विपक्ष भी इस बार की मिली संजीवनी से भविष्य की राह आसान कर सकता है।  अब आगे ीोस सत्र में क्या होगा वो फिलहाल भविष्य के गंभ में निहित है पर एक बात तो स्पष्ट है  इस बार सत्र में काम करना और शासन इतना आसान नहीं है।  

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