"1861 का पुलिस एक्ट आज भी लागू! पूर्व सैनिक संघ ने उठाई संशोधन की मांग"

ब्रिटिश हुकूमत ने 1861 में जो पुलिस एक्ट लागू किया था, वह आज भी भारत में कानून के रूप में लागू है। 165 वर्षों बाद भी पुलिस वही पुरानी व्यवस्था और ढांचे में काम कर रही है। अब इस कानून को बदलने की मांग उठाई है – देश के सबसे बड़े पूर्व सैनिक संगठन ने। उत्तर प्रदेश पूर्व सैनिक संघ ने पुलिस सुधारों को लेकर सरकार से गम्भीरता से विचार करने की अपील की है। देखिए यह विशेष रिपोर्ट...

ब्रिटिश राज के दौरान लागू किया गया पुलिस एक्ट 1861, आज भी भारत की पुलिस व्यवस्था की आधारशिला बना हुआ है। अंग्रेजों ने इसे अपने शासन को मज़बूत रखने और जन विरोध को दबाने के लिए बनाया था। अब इस एक्ट को लेकर आवाज़ उठाई है उत्तर प्रदेश पूर्व सैनिक संघ ने। संघ के मुताबिक यह कानून न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली को जटिल बनाता है, बल्कि आम नागरिकों की समस्याओं को भी बढ़ाता है। पूर्व सैनिकों का कहना है कि एक तरफ पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन छुट्टी, साप्ताहिक अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं, वहीं उनकी जवाबदेही भी तय नहीं है। ऐसे में न तो पुलिस को सशक्त किया जा रहा है, और न ही जनता को राहत। भले ही कुछ राज्यों ने मॉडल पुलिस एक्ट 2006 के तहत बदलाव किए हों, लेकिन वे भी आधे-अधूरे हैं। अब समय है कि एक राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक संशोधन किया जाए।

पूर्व सैनिकों की ये मांग ना सिर्फ पुलिस व्यवस्था में सुधार की ओर इशारा करती है, बल्कि एक लोकतांत्रिक देश में आम नागरिक की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति सरकार की जवाबदेही को भी उजागर करती है। क्या सरकार अब 1861 के कानून से बाहर निकलकर 2025 की ज़रूरतों पर ध्यान देगी? इस पर नज़र रहेगी।

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