लखनऊ की चमकदार तस्वीर के पीछे छुपी हकीकत: एयरपोर्ट से सटे चिल्लावा में जलभराव

लखनऊ : राजधानी लखनऊ सफाई में तीसरे नंबर पर आने का दावा करती है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। शहर का चिल्लावा इलाका, जो एयरपोर्ट जैसे वीआईपी जोन के बगल में बसा एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। हर बारिश में वहां का पूरा एरिया रोड से लेकर गलियों तक तालाब में बदल जाता है। यहां के नागरिक साल दर साल जलभराव, गंदगी और टूटे वादों की मार झेलने को मजबूर हैं। बीते कुछ दिनों की बारिश ने एक बार फिर इलाके की निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है। मुख्य मार्गों से लेकर अंदरूनी गलियों तक पानी भर जाने से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। घुटनों तक भरे पानी, कीचड़ और जगह-जगह गड्ढों से होकर गुजरना नागरिकों के लिए रोजमर्रा की मजबूरी बन चुका है। हालात ऐसे हैं कि बच्चों और बुजुर्गों तक का सुरक्षित आवागमन मुश्किल हो जाता है।

स्थानीय लोगों का कहना है, “हर चुनाव में सांसद और विधायक बड़े-बड़े वादे करते हैं। कहते हैं कि सड़कें बनेंगी, निकासी सुधरेगी, गंदगी खत्म होगी। लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होता है, सभी नेता और उनके वादे गायब हो जाते हैं। बारिश आते ही हमारी परेशानी फिर से शुरू हो जाती है।”
चिल्लावा जैसे रिहायशी इलाके में जलभराव सिर्फ यातायात में रुकावट ही नहीं डालता, बल्कि गंदगी और बदबू से लोगों का जीना दूभर कर देता है। बीमारियों का खतरा अलग से मंडराता है। लोगों का कहना है कि सरकार शहर की सुंदर तस्वीर दिखाने में लगी है, लेकिन एयरपोर्ट से लगे इस बड़े इलाके की दुर्दशा कोई नहीं देख रहा।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनावी मौसम में ही चिल्लावा की याद करेंगे या इस बार सच में स्थायी समाधान निकालने की हिम्मत दिखाएंगे!

 रिपोर्टर : विशाल कुमार चौधरी

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.