गरीबी तोड़ न सकी हौसले: 14 वर्षीय एकमजीत सिंह बने स्केटिंग के सितारे!

लुधियाना - मसीता,हरियाणा हरियाणा के छोटे से गांव मसीता के 14 वर्षीय एकमजीत सिंह ने गरीबी और अभाव के बावजूद स्केटिंग की दुनिया में अपना परचम लहराया है. एक साधारण परिवार में जन्मे एकमजीत ने अपने बड़े सपनों और कड़ी मेहनत के दम पर आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है. उन्हें स्केटिंग जगत में "लॉन्ग-डिस्टेंस हॉर्स" के नाम से भी जाना जाता है.बचपन से ही स्केटिंग के प्रति जुनून रखने वाले एकमजीत ने अनगिनत चुनौतियों का सामना किया. अभावों के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी लगन से अंतरराष्ट्रीय खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में कई पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.आज उनकी विश्व रैंकिंग 34वीं है, जो उनकी असाधारण मेहनत और समर्पण का प्रमाण है.एकमजीत ने सिर्फ देश में ही नहीं,बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई है. उनकी प्रतिभा को देखते हुए, उन्हें नीदरलैंड की एक प्रतिष्ठित कंपनी द्वारा प्रायोजित भी किया गया है.वर्तमान में,एकमजीत हरियाणा के नंबर 1 स्केटर हैं, और उन्होंने अब तक कई महत्वपूर्ण पदक जीते हैं.जल्द ही उन्हें गूगल से भी प्रशंसा प्रमाण पत्र मिलने वाला है.
एकमजीत की कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो मानते हैं कि परिस्थितियां सफलता में बाधा बन सकती हैं. उनकी यात्रा यह साबित करती है कि दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. जैसा कि कहा गया है: "बे-हिम्मते हैं जो बैठकर शिकवा करें मुकद्दरों का, उगने वाले उग जाते हैं फाड़ कर सीना पत्थरों का...." एकमजीत ने सचमुच इस बात को चरितार्थ किया है.
रिपोर्टर - विकास निर्वाण
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