मां काली का चमत्कार ,गोलघर में प्रतिमा के स्वरूप में होता हैं बदलाव

गोरखपुर के गोलघर में स्थित मां काली का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ हैं, जहां रोजाना हजारों भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं.गोलघर स्थित मां काली मंदिर में स्थापित प्रतिमा की उत्पत्ति धरती से हुई हैं, जो इसे विशेष बनाती हैं. यह मंदिर चमत्कारों का साक्षी रहा हैं और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं.गोरखपुर के गोलघर में स्थित मां काली का मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र हैं. यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं.

गोरखपुर के गोलघर में स्थित मां काली का मंदिर एक ऐतिहासिक स्थल हैं, जहां वर्षों पहले मां काली का मुखड़ा जमीन से प्रकट हुआ था. यह घटना स्थानीय लोगों के लिए एक चमत्कार था, जिसने उन्हें आस्था और विश्वास से भर दिया.मां काली के मंदिर की कहानी स्थानीय परंपराओं और मान्यताओं से जुड़ी हुई हैं. पुजारी और स्थानीय लोग बताते हैं कि यह स्थान पहले घने जंगल में था, जहां मां काली का मुखड़ा प्रकट हुआ था. यह घटना ने स्थानीय लोगों को चकित कर दिया और धीरे-धीरे इस स्थान पर भक्तों का जमावड़ा लगने लगा.गोलघर में स्थित मां काली का मंदिर एक धार्मिक केंद्र हैं, जहां मां काली की कृपा से भक्तों की हर मुराद पूरी होती हैं. यहां की मान्यता है कि मां काली का मुखड़ा जमीन से प्रकट हुआ था, जो उनकी शक्ति और महिमा का प्रतीक हैं.गोरखपुर के गोलघर में स्थित मां काली का मंदिर स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं. यहां की घटनाओं ने स्थानीय लोगों को एकजुट किया और उन्हें अपनी आस्था और विश्वास को मजबूत करने में मदद की.पूर्व उपसभापति मनू जायसवाल के पूर्वज जंगीलाल जायसवाल ने इस स्थान पर मंदिर का निर्माण कराया, जो स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान हैं.

मां काली की प्रतिमा में होता हैं बदलाव
गोरखपुर के गोलघर में स्थित मां काली का मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक स्थल हैं, जहां मां काली की प्रतिमा के स्वरूप में दिन में तीन बार बदलाव होता हैं. पुजारी श्रवण सैनी के अनुसार, यह बदलाव सुबह, दोपहर और शाम को होता हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास होता हैं.गोलघर की मां काली को सिद्ध माता माना जाता हैं, जो श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी करती हैं. मां काली की प्रतिमा के स्वरूप में होने वाला बदलाव श्रद्धालुओं के विश्वास को और भी गहरा करता हैं और उन्हें आध्यात्मिक शांति प्रदान करता हैं. गोरखपुर के गोलघर में स्थित मां काली का मंदिर स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का मेला लगता हैं, जो स्थानीय संस्कृति को दर्शाता हैंऔर लोगों को एकजुट करता हैं.

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.