कब से शुरू है मार्गशीर्ष पूर्णिमा ?

BY RATNA
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर को दोपहर 04 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 15 दिसंबर को दोपहर को 02 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं क्या होता है मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन और पूजा की विधि हिंदू धर्म ग्रंथों में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का अपना महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति का जीवन खुशियों से भर जाता है और हर काम में सफल होता है. इसके साथ ही इस दिन गंगा स्नान और दान करना चाहिए . ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान करने से है व्यक्ति को किसी चीज की कमी नहीं होती है .
क्या होता है मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन?
इस दिन भक्त बहुत जल्दी उठते हैं और तुलसी के पौधे की जड़ों से सुबह - सुबह नहाते करते हैं । इस दौरान भक्त 'ओम नमो नारायण' या गायत्री मंत्र का जाप करते है । ऐसा माना जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करना बहुत लाभकारी माना जाता है।
कैसे करें मार्गशीर्ष पूर्णिमा में पूजा
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। अगर व्रत रखते हैं तो सबसे पहले व्रत का संकल्प लें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा प्रारंभ करेंगे।
मार्गशीर्ष महीने में क्या ना करें?
इस माह में तामसिक आहार जैसे मांस, मदिरा और राजसिक आहार जैसे तेज मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए , ऐसे भोजन से परहेज करे.
क्रोध और अहंकार: मार्गशीर्ष माह में अपने क्रोध और अहंकार पर नियंत्रण रखना चाहिए.
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