शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा देगा... 'विद्या कुंभ'.

प्रयागराज का महाकुंभ सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि शिक्षा के मामले में भी खास बन रहा है.... इस बार कुंभ मेला में एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो न केवल श्रमिकों के बच्चों के भविष्य को रोशन करेगा, बल्कि पूरी शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा भी देगा... अब आप सोच रहे होंगा कि आखिर वो कदम क्या है .... तो बता दें कि वो कदम है 'विद्या कुंभ'....एक अनोखी पहल, जहां श्रमिकों के बच्चों को स्मार्ट तरीके से शिक्षा दी जा रही है ! जी हां , जब लाखों श्रमिकों और उनके परिवारों के साथ-साथ मेला क्षेत्र में काम कर रहे लोग प्रयागराज पहुंचे, तो उनकी सबसे बड़ी चिंता यही थी कि बच्चों की पढ़ाई में कोई खलल न पड़े। खासकर उन बच्चों के लिए, जिनके माता-पिता कुंभ मेला में सफाई और अन्य कार्यों में लगे हैं। शिक्षा विभाग ने इस समस्या का समाधान निकाला और मेला क्षेत्र में अस्थाई स्कूल खोलने का विचार किया। बस फिर क्या था! इन स्कूलों ने शिक्षा की एक नई गंगा बहाई, जो अब कुंभ के हर कोने में फैल रही है।शुरुआत में पांच 'विद्या कुंभ' स्कूल खोले गए थे। ये स्कूल बिल्कुल अलग अंदाज में काम कर रहे हैं—स्मार्ट क्लासेस, जहां बच्चे अब सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि ऑडियो-विजुअल माध्यम से भी सीख रहे हैं। बच्चों को आकर्षक तरीके से पढ़ाई कराने के लिए इन क्लासेस में स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर, और वीडियो लेक्चर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन तरीकों से बच्चों की रुचि बढ़ी है और वे पढ़ाई को एक मजेदार अनुभव मानने लगे हैं। यही नहीं, बच्चों को अब गणित, विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों की तामील इस नए तरीके से हो रही है, जिससे उनकी समझ और ध्यान दोनों बढ़े हैं ..
वहीं , सबसे खास बात ये है कि कुंभ मेला खत्म होने के बाद, यानी 26 फरवरी तक, इन बच्चों को एक सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसे वे अपने घर के स्कूल में दिखा सकेंगे। यह सर्टिफिकेट उनके अध्ययन की गवाही देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वे अपनी कक्षाओं में वापस जाकर परीक्षा देने के योग्य होंगे।ये स्कूल हर दृष्टि से बच्चों की पूरी देखभाल कर रहे हैं। बच्चों के लिए ड्रेस, कॉपी-किताबें, और स्मार्ट क्लासेस के साथ-साथ उन छोटे बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्र भी मेला क्षेत्र में चलाए जा रहे हैं, ताकि उनकी देखभाल और शिक्षा का भी ख्याल रखा जा सके।हैं। यहां के सभी शिक्षक इस पहल को लेकर बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि वे दूर-दराज से आए श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का मौका पा रहे हैं।
देखा जाए तो इस पहल की हर जगह सराहना हो रही है। 2019 में भी महाकुंभ में इस तरह के अस्थायी स्कूल खोले गए थे, लेकिन 2025 में यह पहल और भी ज्यादा स्मार्ट और प्रभावी तरीके से लागू की जाएगी। यानी, आगामी कुंभ में बच्चों के लिए एक नई तरह की स्मार्ट पढ़ाई का एक और शानदार उदाहरण देखने को मिलेगा।इस पहल से न केवल श्रमिकों के बच्चों का भविष्य संवर रहा है, बल्कि यह दिखाता है कि कुंभ मेला सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि शिक्षा और भविष्य निर्माण का एक शानदार मंच भी बन सकता है!
No Previous Comments found.