सेंट्रल अस्पताल के पुनर्निर्माण की मांग

उल्हासनगर : नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र में उल्हासनगर के विधायक ने मांग की है कि शहर में सेंट्रल अस्पताल का पुनर्निर्माण करके बिस्तरों की संख्या दोगुनी की जानी चाहिए और इस संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है।सेंट्रल अस्पताल 45 साल पुराना और जर्जर है। अस्पताल प्रशासन ने इस बिल्डिंग के स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की थी, जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया है. वर्तमान में बिस्तरों की संख्या लगभग 200 है और मरीजों की संख्या 400 तक बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि इस अस्पताल में कल्याण, अंबरनाथ, मुरबाड, शाहपुर, कर्जत, कसारा के साथ-साथ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के 300 से 400 मरीज इलाज के लिए भर्ती होते हैं। इसके अलावा ओपीडी में करीब 800 से 1000 मरीज आते हैं। साथ ही प्रतिदिन 30 से 40 डिलीवरी होती हैं।
सेंट्रल अस्पताल समस्याओं - का केंद्र बन गया है. अस्पताल - का वर्तमान भवन दो मंजिला है - और इस भवन में 6 वार्ड कार्यरत समय पर भवन की मरम्मत करा कर समय काटने का काम कर रही है. सेंट्रल अस्पताल समस्याओं का केंद्र बन गया है। जब कोई गंभीर मरीज इलाज के लिए आता है तो उसे इलाज के लिए कलवा या मुंबई भेज दिया जाता है। इसलिए 2017 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री की बैठक में संशोधित प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत करने का सुझाव दिया गया. तदनुसार, प्रस्ताव उचित कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय को प्रस्तुत किया गया था। लेकिन प्रस्ताव स्वीकृत नहीं होने पर डॉ. तानाजी सावंत ने निर्देश दिया कि प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत किया जाये.
रिपोर्टर : अब्दुल शेख
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