मूल ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर केवल मूल ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को ही मौका दिया जाय। ओबीसी संघटनो की मांग।

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र मे स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा हो चुकी हैँ, जिसमे जिला परिषद,पंचायत समिति, तथा नगर परिषद आदि शामिल है। इनमे से कई सीट ओबीसी के लिए आरक्षित हैँ, लेकिन पिछले कुछ दिनों मे सरकार ने कुनबी प्रमाणपत्र देकर मराठा समाज को ओबीसी प्रवर्ग मे शामिल किया है। मराठा समाज के सभी लोग आर्थिक रूप से उन्नत नहीं है, आज भी मराठा समुदाय का बड़ा तबका आर्थिक रूप से कमजोर हैँ। और शिक्षा के लिए सभी को आरक्षण की आवश्यकता है, और मिलना भी चाहिए। लेकिन जहातक शैक्षणिक और सरकारी नौकरी यौका सवाल है, यह कुनबी आरक्षण ठीक है,
जो अठरा पगड़ जनजाति हैँ, जो अभी भी गरीबी की रेखा की निचली स्तर पर है, और महामानव डॉ बाबासाहब अम्बेडकर जी ने जिन जन जातियों को सामने रखकर जो आरक्षण दिया था, आज राजकीय हस्तक्षेप से खतरे मे है। जिस आरक्षण ने मूल समाज को दृड़ता से जीने लायक बनाया था, इंसान बनने लायक बनाया था, आज वही आरक्षण ख़त्म होने की कगार पर है.। क्यों की अब मूल ओबीसी उमीदवार की जगह सशक्त और आर्थिक रूप से मजबूत कुनबी समुदाय का उमीदवार अपना ओबीसी होने का दावा करेगा, और मूल ओबीसी समुदाय पूरी और बुरी तरह दबाया  जायेगा, और ख़त्म भी हो जायेगा। इस धोके को नजर रखते हुये मूल ओबीसी संघटनोने सरकार से गुहार लगाई है की जहाँ मूल ओबीसी आरक्षित है वहां मूल जनजाति के उमीदवार को हीं अवसर दे दे..।
रिपोर्टर : कैलाश सोनवाने 
 

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