बिना पद के भी कारखास होते हैं महत्वपूर्ण, बिना इनके थाने में किसी की नहीं चलती

महोबा : पुलिस विभाग में सबसे मजबूत कड़ी के रूप में शुमार थानों पर थानेदार की कृपा से तैनात किए जाने वाले कारखासों की वजह से आज भी कानून व्यवस्था कटघरे में खड़ी है। हालात यह है कि शायद ही कोई थाना ऐसा हो जहां इनकी मौजूदगी मजबूती से ना हो यह थाने पर किसी रोल मॉडल से काम नहीं होते हैं। थानेदार के अति करीबी माने जाते हैं विभागीय अधिकारियों के साथ ही राजनीतिक लोगों से सेटिंग करने में इन्हें महारत हासिल होती है थानों को व्यवस्थित चलाने में इन कारखासों की अहम भूमिका होती है।

इनका आदेश थानेदार के आदेश की तरह होता है।

थानेदार के पास कोई बड़ी समस्या जाने से पहले कारखास के पास से ही होकर गुजरती है थानेदार /इंचार्ज को किससे कब मिलना है इसकी भी सेटिंग वही करते हैं। जनपद के कई थानों की हालत ये है कि थानेदार बिना कारखास के एक कदम भी नहीं चलते कहीं-कहीं पर उनकी मर्जी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता है वह थाना क्षेत्र के दबंग अवैध कारोबारी से लेकर पत्रकार और जनप्रतिनिधियों के संपर्क में रहते हैं।  यहां तक की थानेदारों और इंचार्जों के व्यक्तिगत काम भी उन्हीं के जिम्मे रहते है। सुबह साहब के उठने से पहले कारखास उनके आवास पर पहुंच जाते हैं फिर क्या करना है और कब किससे मिलना है कौन मिलने आ रहा है और क्षेत्र में कहां क्या घटित हुआ यदि की पूरी जानकारी देते हैं। यहां तक की थाने में तैनात अन्य सिपाही भी अपनी समस्या थानेदार से कहने की बजाय कारखास से ही बताते है और वह इसकी जानकारी थानेदार को देते हुए निस्तारण कराकर उन पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं। 

ऐसे बेलगाम कारखास अवैध कमाई बढ़ाने के लिए इलाके में अवैध धन उगाही का माध्यम तलाशते रहते हैं इनकी जद में ज्यादातर आम लोग शिकार होते हैं छोटे-मोटे मामलों में बड़ी रकम वसूली जाती है किसी को फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भिजवाना तथा सरकारी निजी सार्वजनिक और निर्धन निर्बल और असहाय लोगों की जमीन कब्जा करवाना उनके बाएं हाथ का खेल है जिससे सरकार की छवि तो खराब होती ही है आम लोगों में पुलिस के प्रति भय का वातावरण भी कायम हो जाता है, यही नहीं सेटिंग में महारत हासिल किये ये कारखास, कितनी सरकारें आई गई लेकिन इस अवैध सिस्टम को बंद नहीं कर सके कानून व्यवस्था के मामले में पूर्व मुख्यमंत्रियों से ज्यादा सख्त माने जाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अवैध वसूली बंद करने का निर्देश कई बार दिए लेकिन अवैध वसूली आज भी जारी है।  

पुलिस विभाग में चर्चा यहां तक की साहबों से बड़े बंगले तो इन कारखास, सिपाहियों के हैं जो हर महीने लाखों रुपए अवैध उगाही के जरिए घर ले जाते हैं। 

रिपोर्टर : राहुल कश्यप

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