कारखास के कंधों पर आधिकारिक विश्वास और थाने का विकास। अमर संजीवनी चाह में राजनैतिक तप आधिकारिक वंदना में जुगत कारखास।

महोबा : जनपद के विभिन्न में पदस्त कारखास जीरो टॉलरेंस की नीति में सेंध मारी का काम कर रहे हैं इतना ही नहीं पीड़ितों को मिलने वाले न्याय को भी प्रभावित कर रहे हैं, जबकि पुलिस पत्रावली में कारखास का उल्लेख भले न किया हो लेकिन कारखास के प्रभाव से कोई भी थाना अछूता नहीं है इतना ही नहीं यह पदवी हर किसी को नहीं प्राप्त होती क्योंकि इसके लिए आधिकारिक वंदना और राजनीतिक तप से प्राप्त वरदान के बाद प्राप्त होती है जिसको न डर किसी अपने बड़े अफसर का होता है और न किसी राजनीतिक पार्टियों का क्योंकि इन दोनों से अमरता का वरदान प्राप्त होता है
कारखास की भूमिका थाना क्षेत्र से होने वाली वसूली का ब्यौरा कारखास के कंधों पर होता है, जबकि थाना क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री से लेकर जुआ, सट्टा, और अवैध कारोबारियों से इनके संपर्क मजबूत रहते है अन्यथा किसी गतिविधियों को लेकर कारखास के पद से अगर किसी को पद मुक्त कर दिया जाए तो उस स्थिति में अन्य किसी और को उसकी काबिलियत देख पद भार सौंप दिया जाता है जिसके बाद पूर्व कारखास से पूरी वसूली के नामों वाली लिस्ट और संपर्क सूत्र लेकर संपर्क साधना नया कारखास अपना काम शुरू कर देता है लेकिन यह कारखास थाने तक सीमित नहीं रहा अब यह यातायात और ऑफिसों में भी अपने पैर पसार चुका है इतनी हलचल के बाद क्या जनपद में पुलिस के मुखिया को जनपद में चल रही इस प्रथा की भनक तक नहीं लगती जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पास किसी पर भी संदेह होने पर भेदने के लिए विशेष टेक्नोलॉजी और अधिकार होते है।
रिपोर्टर : राहुल कश्यप
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