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शराब ठेकेदार भारत भूषण तिवारी कर रहे कानून व्यवस्था का उल्लंघन

मैहर : जिले अंतर्गत  अमदरा घुनवारा  शराब दुकान से खुलेआम शराब की तस्करी होती है, अमदरा थाना क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में बिक रही शराब इसका प्रमाण है, आखिकार नशे के विरुद्ध अभियान करने वाली पुलिस क्यों मौन रही है, या ग्रामीण अंचलों में जो शराब पकड़ती है वह शराब कहा से आई क्या इसका पता लगाती है, मैहर के अन्य हिस्सों को चर्चित कर दवे पैर शराब कारोबारी अमदरा घुनवारा क्षेत्र में पैर पसार चुके है जो गांव गली अवैद्य शराब की पैकारी बिक्री करवाते है, सभी राजनैतिक दल और प्रशासन की चुप्पी समाज और युवाओं को इस नशे के कारोबार के कारण नशे के आगोश में डालती जा रही है । अमदरा घुनवारा क्षेत्र में दबे पैर अवैध शराब का कारोबार करने वालों को मोहल्ले गली चौराहे में पकड़ कर इनका पर्दाफाश करना होगा तब युवा समाज नशे के कारोबार से मुक्त हो पायेगा । ये अवैध शराब कारोबारी पुलिस की मुहिम "एक युद्ध नशे के विरूद्ध" अभियान को भी ठेंगा दिखा रहे हैं और आबकारी पुलिस एवं अमदरा थाना पुलिस इन अवैध शराब कारोबारी के खिलाफ कोई कार्रवाई करते नजर नहीं आ रही है। शायद सिक्को की खनक के आगे नतमस्तक है? क्या इन शराब माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई कर पायेंगे?

राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर शराब की दुकानों की दूरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट दिशानिर्देश इस प्रकार से हैं 500 मीटर की दूरी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानें नहीं होनी चाहिए. इसका उद्देश्य शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना है होने वाले एक्सीडेंट तरह तरह के मामले है वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं इसका जिम्मेदार कौन आबकारी विभाग या शराब ठेकेदार  शराब की दुकान राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग से दिखाई नहीं देनी चाहिए, न ही वह सीधे राजमार्ग से पहुंच योग्य होनी चाहिए. साथ ही, राजमार्ग या उसकी सर्विस लेन के बाहरी किनारे से 500 मीटर (या छोटे कस्बों में 220 मीटर) के भीतर स्थित नहीं होनी चाहिए. विज्ञापन बोर्ड पर रोक लगाई गई राजमार्गों के किनारे शराब के सारे विज्ञापन और साइन बोर्ड भी हटाए जाने चाहिए राज्यों ने कुछ मामलों में इन नियमों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं, जैसे कि राजमार्गों को 'शहरी सड़क' घोषित करना, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मूल दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है देखना यह होगा कि इस खबर को चलने के बाद जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करेगा या तो फिर लीपा पोती कर इस विषय को रफा दफा कर देगा।

रिपोर्टर : मुनेन्द्र कोल 

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