मृत्युकुम्भ वाले बयान पर सफाई देते हुए ममता ने क्या कहा...
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Adarsh Kanoujia
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का महाकुम्भ को मृत्यु कुम्भ कहने का बयान विवादो में घिर गया। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्री लगातार इस बयान पर हमलावर है इस बीच गुरूवार को ममता बनर्जी अपने इस बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा की वह सभी धर्मों और संसकृतियों का सम्मान करती है। इससे पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में महाकुम्भ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए थे।
पढ़िए विस्तार से-
पश्चिम बंगाल की विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विवादित बयान दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए महाकुंभ 2025 को 'मृत्यु कुंभ' बता दिया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह महाकुंभ सम्मान करती हैं
उन्होंने आगे कहा, 'यह मृत्यु कुंभ है..मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन इसके लिए कोई योजना नहीं है, कितने शव बरामद हुए हैं? अमीरों, वीआईपी लोगों के लिए एक लाख रुपये तक के शिविर पाने की व्यवस्था है। गरीबों के लिए कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है। मेले में भगदड़ की स्थिति आम है, व्यवस्था करना जरूरी है। आपने क्या योजना बनाई है?'
राज्यपाल के भाषण पर भी साधा निशाना-
राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के भाषण पर मुख्यमंत्री बनर्जी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, कई राज्यों में डबल-इंजन सरकार है, लेकिन पश्चिम बंगाल में हमने विपक्ष को बोलने के लिए 50 फीसदी समय दिया। उन्होंने सदन के पटल पर कागज फेंके। भाजपा, कांग्रेस और माकपा एक साथ मेरे खिलाफ हैं। उन्होंने मुझे अपना भाषण नहीं देने दिया।
ममता के बयान पर बीजेपी का पलटवार-
सीएम ममता बनर्जी के बयान पर बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने कहा, “मुझे ऐसी बातें सुनकर बहुत दुख होता है, वो भी तब जब आपका किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी से संबंध हो। आप राजनीति कर सकते हैं, लेकिन धर्म विरोधी राजनीति करने से किसी का भला नहीं होगा। ममता जी हों या कोई भी विपक्षी दल, वे कब तक सनातन धर्म और परंपरा का मजाक उड़ाते रहेंगे? मैं एक बात और कहना चाहती हूं महाकुंभ में पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग आए हैं, जिनकी गिनती नहीं की जा सकती। दूसरी बात, ये उन्हें शोभा नहीं देता मुझे लगता है कि ममता जी को ऐसी धर्म विरोधी बातों से बचना चाहिए। इतनी बड़ी राजनेता होने के बावजूद अगर वो धर्म, सनातन और संस्कृति का मजाक उड़ाती हैं, तो मुझे लगता है कि उन्होंने इतने लाखों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है, उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।”
हनुमान गढ़ी के पुजारी महंत राजू दास ने बयान की निंदा की-
‘मृत्यु कुंभ’ वाली टिप्पणी पर अयोध्या हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कहा, “महाकुंभ पर सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी निंदनीय है। उन्होंने इसे ‘मृत्यु कुंभ’ कहा है, इसलिए मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की हत्या की जा रही है, लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहे हैं, डॉक्टर लंबे समय से हड़ताल पर हैं, उस पर वह टिप्पणी क्यों नहीं कर रही हैं। आप लोगों की आस्था पर टिप्पणी करेंगी, लेकिन इन मुद्दों पर नहीं। 140 करोड़ की आबादी वाले देश में 50 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं और आप इसे ‘मृत्यु कुंभ’ कह रही हैं. इसे इस तरह कहने का अधिकार किसने दिया. यह बहुत दुखद है और आपको माफी मांगनी चाहिए. अगर आपमें हिम्मत है तो पीएम मोदी या योगी आदित्यनाथ से लड़ें. उनमें उनसे बात करने की हिम्मत नहीं है और इसलिए वे सनातनियों पर अपनी कुंठा निकाल रहे हैं जो अच्छी बात नहीं है.”
ममता दीदी से सहमत अखिलेश-
ममता बनर्जी के महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहे जाने वाले बयान पर अखिलेश यादव ने सहमति जताई है। ममता बनर्जी के ‘मृत्युकुंभ’ बयान पर टिप्पणी करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, जो ममता बनर्जी ने कहा, वह सही है. उनके राज्य से भी लोगों ने जानें खोई हैं। बंगाल और अन्य राज्यों से आए लोगों की बड़ी संख्या की मौत हुई है।
आयोजन पर सवाल खड़े करते हुए अखिलेश यादव ने आगे कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ के खिलाफ एफआईआर भी नहीं दर्ज हो रही है। यह महाकुंभ क्यों आयोजित किया गया था? भक्त तो सदियों से आते रहे हैं, कुंभ प्राचीन समय से चल रहा है. इस आयोजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी थी?
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