इस ट्राइब में पिता ही अपनी बेटी से करता है विवाह...


एक पिता और एक बेटी का रिश्ता हर रिश्ते से अलग और सबसे प्यारा होता है. एक पिता के लिए बेटी का बचपन जितना खास होता है उतना ही उसका आगे का जीवन जब वो बड़ी होकर किसी से शादी करती है. तो वो अपने हमसफ़र में अपने बाप को खोजती है. हार लड़की का सपना होता है की जैसे उसके पिता ने जीवन भर उसकी देखरेख की है वैसे ही उसका पति भी उसके साथ रहे और उसे हमेशा खुश रखे. हर एक पिता अपनी बेटी को नाजों से पालता है और फिर उसकी अच्छे घर में शादी कर देता है, और हर बाप ये चाहता है कि उसकी बेटी जहाँ भी जाए हमेशा खुश रहे. बेटियों की शादी हर पिता के लिए किसी सपने से कम नहीं होती है. लेकिन दुनिया में एक जगह ऐसी है जहां रिशतो को तार तार कर पिता अपनी ही बेटी से शादी कर लेते है. सदियों से चली आ रही ये एक प्रथा है. जिसमे एक बाप अपनी ही बेटी से शादी कर उसका पति बन जाता है. चलिए बताते है इस अनोखी प्रथा के बारे में... 


जब रिशतो को शर्मसार करने की बात आती है तो बांग्लादेश के एक जनजाति का जिक्र जरूर आता है. जो पिता -पुत्री के रिश्ते को कलंकित करता  है.  जिस पिता के साये में लड़किया खुद को सुरक्षित मानती वहीं बेटिया जो इस ट्राइब की है अपने पिता से डरती है... बांग्लादेश के इस ट्राइब में जैसे ही बेटी बड़ी होती है, उसका पिता ही उसका पति बनने पर आतुर हो जाता है. बांगलादेश की इस जनजाती का नाम है "मंडी जनजाति" जहां की प्रथा बेहद ही अजीबोगरीब है जो कि सदियों से चली आ रही है. यहां अगर कोई महिला कम उम्र में विधवा हो जाती है तो मर्द उससे दूसरी शादी कर लेता है. इसमें वो उसे पत्नी के सारे अधिकार देता है. उसका भरण-पोषण करता है. लेकिन अगर महिला की पहली शादी से कोई बेटी है तो उसकी शादी भी उसी शख्स से उसी समय करवा दी जाती है. बड़ी होने के बाद उसे बताया जाता है. इसी शर्त पर वो विधवा को सुहागन बनाने को तैयार होता है. यानी जिस बच्ची को कम उम्र में पिता कहलवाता है, बाद में वहीं अपनी बेटी का पति बन जाता है. औऱ यहां के लोगों का मानना है कि ऐसा करने से दो महिलाओं का जीवन सवर जाता है. पहले विधवा मां का और बाद में उसकी बेटी का, पर ये कुप्रथा आजतक कई बच्चियों की जिंदगी तबाह कर चुकी है. 

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.